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Manjeet

आधी रात होने को आई है, उसे भूलने की खातिर आज फिर उस लड़के ने सिगरेट जलाई है.. ❣️Ⓜαทʝεεt❣️ #good_night #Love poetry #manjeetpoonia quote o

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White आधी रात होने को आई है,
उसे भूलने की खातिर आज फिर उस लड़के ने  सिगरेट जलाई है..
❣️Ⓜαทʝεεt❣️

©Manjeet आधी रात होने को आई है,
उसे भूलने की खातिर आज फिर उस लड़के ने  सिगरेट जलाई है..
❣️Ⓜαทʝεεt❣️
#good_night #love #poetry #manjeetpoonia  quote o

नवनीत ठाकुर

#रात में महताब

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उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा,
खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे।

चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई,
सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे।

वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया,
रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे।

उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला,
हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे।

नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया,
हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे।

वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है,
धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे।

उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर,
फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे।

©नवनीत ठाकुर #रात में महताब

Anuradha T Gautam 6280

🪔Happy_Diwali💥 #रौशनी आधी #इधर,आधी #उधर इक #दिया रक्खा है #दीवारों के #बीच..🖊️ 👩‍👧अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

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हिमांशु Kulshreshtha

एक लंबी रात...

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White एक लंबी रात 
जागने के बाद 
हर सुबह उठते ही 
मुझे, मेरे ज़िंदा होने का 
एहसास होता है 
मुझे लगता है  
मेरा होना तमाम निराशाओं, 
हताशाओं,आशाओं 
और उम्मीदों का पर्याय है 
जीवन कितना भी नीरस क्यों न लगे, 
मेरे हिस्से की खुशियां 
कौन छीन पाएगा मुझसे

©हिमांशु Kulshreshtha एक लंबी रात...

Veer Tiwari

पूस की रात

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पूस की रात - मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है, जो एक गरीब किसान हल्कू की जिंदगी के संघर्ष और उसकी विवशता को बेहद मार्मिक ढंग से प्रस्तुत करती है। यह कहानी ग्रामीण भारत की गरीबी, शोषण, और मनोस्थिति को दर्शाती है, जो आज भी कई रूपों में प्रासंगिक है।

कहानी का सारांश

कहानी का मुख्य पात्र हल्कू एक छोटा किसान है, जो अपनी जमीन पर फसल उगाता है। उसकी जिंदगी गरीबी से जूझती रहती है, और कर्ज चुकाने की मजबूरी में उसे हमेशा समझौते करने पड़ते हैं। एक बार फिर से उसे कर्ज चुकाने के लिए अपनी कमाई से कंबल खरीदने का सपना छोड़ना पड़ता है, और ठिठुरती ठंड में रात के खेत की रखवाली के लिए जाना पड़ता है।

पूस की ठंडी रात में वह अपने कंबल की कमी से ठिठुरता है, लेकिन उसकी हालत ऐसी है कि वह कुछ नहीं कर सकता। ठंड से बचने के लिए वह अपने कुत्ते झबरा के पास सटकर सोने की कोशिश करता है, और अंत में ठंड से हारकर वह अपनी हालत पर हंसने लगता है। कहानी का अंत यह दिखाता है कि हल्कू अगले दिन की चिंता किए बिना, उस क्षण की ठंड से राहत पाने के लिए सब कुछ छोड़कर झबरा के साथ खेत छोड़कर चला जाता है।

विशेषताएं और आज के समय की तुलना

1. ग़रीबी और विवशता: हल्कू की हालत उस किसान की है, जो कर्ज, शोषण, और आर्थिक तंगी से जूझता है। यह स्थिति आज भी कई गरीब किसानों और मजदूरों की सच्चाई है, जो अपने मूलभूत ज़रूरतों को भी पूरा करने के लिए संघर्ष करते रहते हैं। चाहे आज की दुनिया में कितनी भी तरक्की क्यों न हो जाए, परंतु इस वर्ग के लोग अब भी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं।

2. मानसिक पीड़ा और उम्मीद की झलक: हल्कू का ठंड में ठिठुरना और खुद को सांत्वना देना यह दिखाता है कि इंसान कैसे विषम परिस्थितियों में भी अपने मनोबल को बनाए रखने की कोशिश करता है। आज भी लोग कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने मानसिक संतुलन और उम्मीदों को बरकरार रखने का प्रयास करते हैं।

3. प्राकृतिक कठिनाइयाँ: कहानी में ठंड और सर्दी का ज़िक्र उन प्राकृतिक चुनौतियों का प्रतीक है, जिनसे किसान हर दिन जूझते हैं। आज भी बदलते मौसम और प्राकृतिक आपदाएं किसानों की जीविका पर गहरा असर डालती हैं, और यह समस्या आज की वास्तविकता के साथ भी मेल खाती है।

सीख और संदेश

संघर्ष की हकीकत: कहानी यह सिखाती है कि जीवन में असली संघर्ष बाहरी समस्याओं से नहीं, बल्कि भीतर की मजबूरियों और हालातों से होता है। हल्कू का संघर्ष उसकी गरीबी के खिलाफ नहीं, बल्कि ठंड से राहत पाने के लिए खुद से किया गया संघर्ष है।

वास्तविकता का सामना: कहानी यह भी दिखाती है कि गरीबी और जरूरत के सामने इंसान की इच्छाएं और सपने कैसे बेमानी हो जाते हैं। हल्कू का अपनी हालत पर हंसना यह दर्शाता है कि वह खुद की हालत को स्वीकार कर चुका है।

पूस की रात अपने छोटे कलेवर में बड़े सामाजिक मुद्दों को उठाती है और यह दिखाती है कि कठिनाइयों के सामने भी इंसान अपने मन को समझाने के तरीके ढूंढ लेता है। प्रेमचंद ने इस कहानी के जरिए वास्तविकता को बेहद मार्मिक ढंग से उकेरा है, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी उस समय थी।

✍️Veer Tiwari

©Veer Tiwari पूस की रात

Keshav baba

पूरी रात... #Couple

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White वो एक शख्स था...
जिसके साथ हम पूरी रात जगते थे,,
रात तो वही है आज भी, 
बस वो शख्स 
अब वो शख्स नही रह गया ...

©Keshav baba पूरी रात...
#Couple

Parasram Arora

अकेली रात

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White वो रात अकेली ही बिस्तर पर पढ़ी पढ़ी अपनी तन्हाई  पर आंसू बहा कर सिसकती रहीं 

और मैं दूर खड़ा उसकी तन्हाई और उसके  आंसुओ को  पीता रहा

©Parasram Arora अकेली रात

हिमांशु Kulshreshtha

कल रात...

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White कल रात
तुम जो आयीं मेरे ख्वाबों में
एक ख़ुशनुमा अहसास हुआ
जैसे तारों का झुंड
उतर आया है मेरे आंगन में
मैने समेट लिया
उनकी चमक, उनकी महक को
अपने आगोश में
समेट लिया वज़ूद उनका
उनकी खुश्बू को
अपनी रूह में…..!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha कल रात...

Sunil Kumar Maurya Bekhud

#रात

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घनक बजकर घनजक

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #रात

Jayesh gulati

कुछ यादें है जो कभी दिल से निकाल नहीं सकता मना खामोश रहते है अब हम दोनों मगर तेरा भाई तुझे भुला नहीं सकता आधी रात को भी तू करदे कॉल तेरा भाई

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White A appreciation post for my best friend 
(read in caption)

©Jayesh gulati कुछ यादें है
जो कभी दिल से निकाल नहीं सकता
मना खामोश रहते है अब हम दोनों
मगर तेरा भाई तुझे भुला नहीं सकता
आधी रात को भी तू करदे कॉल
तेरा भाई
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