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Stories related to hindi poems on 50th anniversary

Robin Rrk

Rishi Ranjan

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Unsplash " अलविदा कहना पड़ रहा.... "

मेरे सभी BPSC PGT शिक्षक प्रशिक्षु आने वाला पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा...
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा...
क्लास और लंच वालीं कहानी होंगी खत्म... 
अब अलग होंगे विद्यालय एवं लेकिन मकसद होंगे केवल एक वो है अपने
 बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा...
छह दिनों के प्रशिक्षण सब कितने 
जल्दी हो गए....
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है....
Bpsc शिक्षक बने हुए आए थे प्रशिक्षण ले कर जा रहे... 
सेमिनार हॉल के सांस्कृतिक कार्यक्रम सब कितने जल्दी हो गए...
हाथ में certificate मिला और हम सभी बुनियादी रूप से भी शिक्षक हो गए....
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है....
मेरे दोस्तों ध्यान से देख लो कहीं कुछ छुटा ना हो...
कहीं आपकी वज़ह से किसी का दिल रूठा न हो...
भूलकर सब रंजिशें सब एक दूसरे से  मिल लो....
क्युकी जा रहा ये वक़्त अब दुबारा आने से रहा....
दिल थाम कर आंखे पोंछ कर अलविदा कहना पड़ रहा...
मेरे BPSC PGT शिक्षक ये साथ का पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा...
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.....
अलविदा कहना पड़ रहा....
 धन्यवाद और आभार आप सबों को....

©Rishi Ranjan #Book #poems #Life  hindi poetry on life love poetry in hindi poetry in hindi poetry quotes

Ak

Nitish Tiwary

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गोरक्ष अशोक उंबरकर

anniversary

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किती चुकावं मीठाने 
                   त्या मिठाने ही लाजावं..
                गरज नसताना भाजीत 
                 उगीच जास्त का पडावं ..

                 करपलेल्या चपाती ने 
                 तव्याला दोषी ठरवावं..
              का बरं त्या तव्याने 
                 त्या बिचारीला जाळावं..

                 अर्ध कच्च्या बटाट्यानी
                 स्वतःलाच दोषी मानावं..
          का त्या शेतकऱ्याने 
             त्यांना पाणी कमी पाजावं..

                चपाती कडक झाल्यावर 
                    त्या गिरणीला आपण बोलावं..
                  का बरं यार गिरणी ने
                    अस ठोसर पीठ दळावं..

                 इतरांच्या चुकांच खापर 
                बायको वर का फोडावं ..
                निष्पाप जीवाला उगीच 
                आपण नाही कधी छळावं..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर anniversary

Shahir

max

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