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Stories related to sham e banaras

Jaiveer Singh

ye sham mastani

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Harshu

banaras

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Ali

मलंग

#Banaras

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जैसे हजारों आकाशदीप शहर के आसमान में हैं।
 तुम्हारे होने से यह शहर जी उठता है। 
शहर की गलियों की रौनक बढ़ जाती है। 
तुम्हारे लौटने से बनारस खुद को समेट फिर से गंगा किनारे लौट आया है।
 गंगा अपनी लहरों की बेचैनी सेमेटे शांत हो चुकी है।
 दशाश्वमेध पर जैसे फिर से ईश्वर उतर आये हों। 
तुम्हारे होने से बनारस, बनारस हो गया है। 
तुम और बनारस; एक प्रेम के दो नाम है ❤

'सोच'

©मलंग #banaras

Saurav life

Pooja Jaiswal

banaras

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PAWAN GUPTA

#Dhalti Hui Sham

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White Aa Beth Mere Pass Kuchh Der Dhalti Hui Sham Ko Dekhte Huye 
Hamara Rishta Bhi Kuch Aisa Hi Ho Dhalti Hui Sham Ki Tarah 
Fir Ek Nai Subha Hogi
Naya Din Hoga Nai Bat Hogi 
Hamare Jeevan Ki Tarhe....

©PAWAN GUPTA #Dhalti Hui Sham

*#_@_#*

#Ek sham

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White हर दिन इंतज़ार एक शाम का... 
हर रात पैरहन, उलझन, वेदना और भी बहुत कुछ, 
फिर हर सुबह सबकुछ रखकर किनारे 
चल देना किसी ऐसे सफर पर, 
जिसकी मंज़िल फिर से वही अनमनी शाम है, 
जिसके पहलू में वक्त है, लेकिन जरा सा, 
आंखें हैं थोड़ी बुझी सी, स्मृतियाँ हैं कुछ धुंधली - सी
स्वप्न नहीं है लेकिन राख है, 
बात नहीं है लेकिन याद है, 
उम्मीद है या नही, ठीक से नहीं कह सकते
लेकिन जैसे हैं उम्र भर ऐसे भी नहीं रह सकते, 
फिर भी अब स्वप्न की चाह नहीं, 
सच कहें तो, कोई राह नहीं, 
आंसू बहते हैं तो पोंछ लेती हूँ, 
सांसों से बगावत कर लूँ यहाँ तक सोच लेती हूँ, 
लेकिन फिर.... 
कुछ नहीं... 
कहीं कुछ भी नहीं... 
न आस, न विश्वास न इच्छा न प्रयास 
अब डर भी 1[ लगता,
न कुछ कहने की इच्छा ही है 
अपनों से नहीं तो गैरों से क्या शिकायत हो, 
मन के थक जाने के बाद कैसे बगावत हो, 
विरोध के लिए सामर्थ्य चाहिए, 
बहस के लिए शब्द, और तर्क 
भावना का कहीं कोई महत्व नहीं, 
वह सर्वत्र तिरस्कृत ही होती है, 
और मुझमें तो सदैव से भावना ही प्रधान है
फिर तर्क कहाँ से लाऊँ, 
इसलिए मैने चुन लिया है अश्रुओं से सिंचित मौन को 
बोलने दो इस संसार को, 
होता है तो होने दो परिहास 
प्राणों का, मन का, और अंततः आत्मा का भी....





_sneh 




..................

©*#_@_#* #ek sham

हिंदी प्रभा

banaras poori kavita

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हिंदी प्रभा

banaras

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