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Stories related to फरहान अख्तर पोएट्री

DRx Khan

#lovelife Smeera shamawritesBebaak_शमीम अख्तर Munni Sabanoor (*мιѕs~мαнιяα*)

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Unsplash یہ تعلق بھی نبھاتے ہیں تو غیروں جیسا ، میرے اپنے ہی اب تو میرا برا سوچتے ہیں ❤️

©DRx Khan #lovelife  Smeera  shamawritesBebaak_शमीम अख्तर  Munni  Sabanoor  (*мιѕs~мαнιяα*)

Gurudeen Verma

#पोएट्री लव शायरी लव स्टोरी

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White शीर्षक- आदमी मैं नहीं वैसा
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आदमी मैं नहीं वैसा, जैसा कि तुम मानते हो।
हकीकत क्या है मेरी, तुम नहीं जानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा------------------------।।

मुझको पसंद नहीं है झूठ, ना झूठ मैं बोलता हूँ।
सच को तुम सुनना नहीं चाहते, इसलिए चुप रहता हूँ।।
जब भी बोला मैं सच तो, मुझे सच की सजा मिली।
इसीलिए हूँ मैं अकेला, यह नहीं जानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा---------------------।।

मुझको भी चाहिए खुशी, देखता हूँ ख्वाब ऐसे।
मांगें मुझसे सभी खुशियां, इतने हो पास मेरे पैसे।।
मतलब मुझको भी चाहिए, शान और शौहरत।
मकसद मेरा यह तुम, शायद बुरा मानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा----------------------।।

एक तरफा मोहब्बत क्या, जायज नहीं कहलाती है।
प्यार करना गुनाह है क्या, दुनिया किससे चलती है।।
लेकिन उससे मेरा प्यार, सच्चा और पवित्र है।
नहीं हूँ बेवफा मैं, क्यों सच नहीं मानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा--------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #पोएट्री  लव शायरी लव स्टोरी

Prakash Vidyarthi

White "प्रथा स्वयंवर होता"
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काश फिर से कोई प्रथा स्वयंवर होता।
नीचे स्वतंत्र धरती ऊपर खुला अम्बर होता।।

मिलता सबको आमंत्रण सब धुरंधर होता।
न कल छपत किसी के अन्दर होता।।

भेदता कोई जन मानव मछली की आँखें सही आंसर होता।
बन जाते सारथी कान्हा जीवन में न भूमि कोई बंजर होता।।

प्रेमी अपनी प्रतिष्ठा में जाता सात समन्दर होता।
प्रेम की परीक्षा में जो जीता वहीं सिकन्दर होता।।

कोई भी राम सीता लखन कोई बजरंगी बन्दर होता।
जाती धर्म के बन्धन से परे मुहब्बत का मंतर होता।।

न कोई बड़ा न कोई छोटा न कोई छुछुंदर होता।
समानता का सामान अवसर प्राप्त पुरंदर होता।।

तोड़ देता कोई भी धनुष शिव भक्ती का तंतर होता।
सह लेता कोई भी कष्ट चाहें पथ में कांटे कंकड़ होता।।

त्याग देती गर सुख नारी लोभ लालच न किसी के अन्दर होता।
स्वर्ग से सुन्दर लगता भारत न श्रृंगार जलन जालंधर होता।।

मिलता सबको बराबर मौका शुभ मुहूर्त का जंतर होता।
करता प्रयास हर विद्यार्थी  गर न कोई भेदभाव अन्तर होता।।

जीत लेता प्रकाश कलयुगी सीता को न कोई आडंबर होता।
गूंजता जय माता दी हर दिशा में खुश ब्रह्मा विष्णु शंकर होता।।

स्वरचित -प्रकाश विद्यार्थी।  भोजपुर आरा बिहार

©Prakash Vidyarthi #Sad_Status #पोएट्री #कविता_शिव_की_कलम_से

DRx Khan

#कागजऔरकलम priya shamawritesBebaak_शमीम अख्तर Farooq Farooqui its_nastik_manoj_137 Ak.writer_2.0

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मुकरे होंगे कुछ लोग जुबां देकर,
तभी शायद कागज़ की जरूरत पड़ी होगी...✍️❤️

©DRx Khan #कागजऔरकलम  priya  shamawritesBebaak_शमीम अख्तर  Farooq Farooqui  its_nastik_manoj_137  Ak.writer_2.0

Akram balrampuri

Dhyaan mira MM Mumtaz shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

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