Find the Latest Status about गिधा लोक नृत्य from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गिधा लोक नृत्य.
अदनासा-
अदनासा-
Rimpi chaube
krishna vani लोक कल्याण के लिए धर्मरत रहे। धर्म संस्थापना के लिए कर्मरत रहे। नवीनता ही सृजनता की द्योतक है... इसलिए नवीनता के लिए प्रयासरत रहे।। ©Rimpi chaube #नवीनता ✍️ लोक कल्याण के लिए धर्मरत रहे। धर्म संस्थापना के लिए कर्मरत रहे। नवीनता ही सृजनता की द्योतक है... इसलिए नवीनता के लिए प्रयासरत रहे
#नवीनता ✍️ लोक कल्याण के लिए धर्मरत रहे। धर्म संस्थापना के लिए कर्मरत रहे। नवीनता ही सृजनता की द्योतक है... इसलिए नवीनता के लिए प्रयासरत रहे #Motivational
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य । गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।। सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम । याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।। याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम । बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।। जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण । हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । #कविता
read moreHeer
नृत्य केवल एक कला नही है, आत्मा की पुकार है, भाव है, भावना है। ये एक ऐसी कला है जिसमे, संस्कृति का सागर है। छिपी जिसमे अनेक गाथा है।। ©Heer नृत्य - रोम रोम से निकाला संगीत है। hindi poetry on life poetry poetry lovers
नृत्य - रोम रोम से निकाला संगीत है। hindi poetry on life poetry poetry lovers #Poetry
read morePrakhar Tiwari
White वो सावन की पहली बारिश है, मन में जो नयी ख्वाहिश है। मिट्टी की सौंधी ख़ुशबू में, रहती एक प्यारी सी यादिश है। पहली बूंद जो गिरी ज़मीन पर, जैसे गीत कोई मधुर छेड़ा। आँगन में बिखरी हरी-हरी क़ुदरत, हर पत्ता जैसे नृत्य में खड़ा। बचपन के वो दिन याद आ गए, काग़ज़ की नावें बनाकर चलाए। बारिश में भीगते हुए हंसी ठिठोली, दोस्तों संग वो पल फिर जी आए। सपनों की ये सौगात है, आसमान से आई सौगंध है। हर एक बूंद जैसे संदेशा लाई, प्रकृति की प्यारी सी मुस्कान है। वो सावन की पहली बारिश है, हर दिल में बसी एक चाहत है। जिंदगी में फिर से रंग भरने, वो बादल की सुंदर बरसात है। ©Prakhar Tiwari #alone_sad_shayri हिंदी कविता कविता कोशवो सावन की पहली बारिश है, मन में जो नयी ख्वाहिश है। मिट्टी की सौंधी ख़ुशबू में, रहती एक प्यारी
#alone_sad_shayri हिंदी कविता कविता कोशवो सावन की पहली बारिश है, मन में जो नयी ख्वाहिश है। मिट्टी की सौंधी ख़ुशबू में, रहती एक प्यारी
read moreधाकड़ है हरियाणा
#जीवन बीमा घोटाले पर बनी फ़िल्म "सकैम " #परिवार के संरक्षण के लिए जीबन बीमा जरूरी #लोक गायक इन्दर सिंह लाम्बा #कोटक महिंद्रा लाइफ इंसोरेंस #मोटिवेशनल
read moreपूर्वार्थ
कोई जब तोड़ दे दिल को,कोई जब छोड़ दे तुमको,तुम्हे मझधार में ला कर,कोई जब मोड़ ले रूख को। ये दुनिया रंगमंच है इक,करो तुम झूम कर फिर नृत्य,मगन ऐसे हो जाओ तुम, उदासी छोड़ दे तुमको।। नृत्य जीवन की कला है, नृत्य अनुराग है मन का,नृत्य है प्रेम ईश्वर का, नृत्य है भाव इस तन का। मन को उन्माद से भर के,करो अल्हाद में तुम कृत्य,नृत्य करता है दिल पावन,नृत्य आनन्द जीवन का।। नृत्य पैरों की थिरकन है,नृत्य गीतों की धड़कन है,नृत्य रसमय तरंगें हैं, नृत्य भावों की लचकन है। भूल जाओ नृत्य में सब,करो स्वीकार तुम हर सत्य,नृत्य रंगता है तन मन को,नृत्य जीवन का सृजन है।। नृत्य उल्लास देता है, नृत्य महाभाव लाता है,नृत्य में झूमते श्री कृष्ण, नृत्य महारास रचता है। डूबते नृत्य में नटराज,करें आराध्य जिनकी नित्य,नृत्य है संस्कृति अपनी, नृत्य समर्पण सिखाता है।। ©पूर्वार्थ #नृत्य #प्रकृति #प्रेम