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Zindgi Ka Safar # priya
कभी-कभी जिंदगी का रुख इतनी तेजी से बदलता है, ना चाहते हुए भी वह अतीत के पन्ने खोल देती है. फिर जज़्बातों को पी कर मन का अंतर्द्वंद्व शांत करके हम आगे निकल पड़ते है अपने रास्ते पर..... ©Zindgi Ka Safar # priya #kinaara अतीत
#kinaara अतीत
read moreGhumnam Gautam
White स्वार्थ ने बाँध रक्खा है वरना कौन अब किसका मीत होता है ये कहा वर्तमान ने मुझसे― सबकाअपना अतीत होता है पेट जिसका भरा हो उसको ही चाँद सुंदर प्रतीत होता है ©Ghumnam Gautam #GoodMorning #अतीत #चाँद
Mohan raj
जिंदगी सिर्फ वर्तमान में है अतीत एक बीता हुआ कल है जो आपको अपने वर्तमान को सुंदर बनने का मौका देता है जीवनं केवलं वर्तमानकाले एव अस्ति, अतीतः अतीतः अस्ति, येन भवतः वर्तमानं सुन्दरं कर्तुं अवसरः प्राप्यते। Life is only in the present, the past is a past, which gives you a chance to make your present beautiful Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons जीवनं केवलं वर्तमानकाले एव अस्ति, अतीतः अतीतः अस्ति, येन भवतः वर्तमानं सुन्दरं कर्तुं अवसरः प्राप्यते।
#Life Lessons जीवनं केवलं वर्तमानकाले एव अस्ति, अतीतः अतीतः अस्ति, येन भवतः वर्तमानं सुन्दरं कर्तुं अवसरः प्राप्यते।
read morePrachi Sharma
White संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चित्त ©Prachi Sharma #good_night संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चि
#good_night संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चि
read moreAnjali Singhal
अतीत के पन्ने ✍️ #शायरी #Shayari #shayaristatus #status #Quotes #Shorts #AnjaliSinghal #EXPLORE nojoto
read moreranjit Kumar rathour
एक अतीत छुपे हैं कई राज जो सिर्फ हमें पता हैं और उसको भी लेकिन राज अच्छा हैं जिसे महशुस करना बेहतर हैं ©ranjit Kumar rathour अतीत
अतीत
read moreNitu Singh जज़्बातदिलके
White जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे सप्ताह गुजरे न विश्वास की सिंचाई न गलतियों की निराई न जुबानी जहर को पौधों से छुटाया था उसने फिर सहसा एक दिन खींच ले गयीं अभिलाषाएं उसे फसल की ओर चींखने लगा जोर जोर से निखोलने लगा सुषुप्त पड़ चुके प्रेम बीज को मढ़ने लगा आरोप उसके प्रेमत्व पर क्योंकि आज, वर्तमान पर मुरझा सा नीरस पुष्प ही पाया था उसने काश! झांक पाता सहस्त्रों बार किये उन वादों की ओर जिन्हें हर गलती के बाद दोहराया था उसने ©Nitu Singh जज़्बातदिलके जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे स
जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे स
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