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Dr. Bhagwan Sahay Meena

पैसे उधार माँग कर देखो...

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Nurul Shabd

#हर #कठिनाई #को #एक #नए अनुभव की तरह देखो, जो तुम्हें और भी मज़बूत बनाता है। Shayari शायरी

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Vinod Mishra

"ज़रूरी नहीं है कि जो चीजें दिखती नहीं हैं होती नहीं हैं." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

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unique writer

मेहनत करके देखो। एक तिनका भी अनमोल कैसे बन जाता है।

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Jansurajharnaut

बिहार का भला तभी होगा जब ये चीजें होगी #jansuraaj #prashantkishor #digitalyoddha MWSALLINONE

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unique writer

चीजें हाथों से फिसल जाती है

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Pawan Kumar Jain

मैं पवन जैन अपने एक गीत के साथ..गीत के बोल हैं........ "प्रिय कभी तो आकर देखो.. उस मोलसरी के पेड़ तले!"

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

#said है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी क

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White है चारो तरफ ये
देखो कैसा मंजर हुआ 
है खोफ में हर आदमी
 ये क्या हुआ
है चारों तरफ़ यहां 
लाशों का अंबार देखो
ये कैसा आज यहां 
गुमनामी का अंधेरा हुआ

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #said  है चारो तरफ ये
देखो कैसा मंजर हुआ 
है खोफ में हर आदमी
 ये क्या हुआ
है चारों तरफ़ यहां 
लाशों का अंबार देखो
ये कैसा आज यहां 
गुमनामी क

Bazirao Ashish

एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बा

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एक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish एक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बा

Bazirao Ashish

#एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक

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एक बार प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा;
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार  प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish #एक बार प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा;
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक
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