Nojoto: Largest Storytelling Platform

New किलबिल किलबिल पक्षी बोलती Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about किलबिल किलबिल पक्षी बोलती from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, किलबिल किलबिल पक्षी बोलती.

neelu

#Sad_Status अगर #सब #बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते .. तारे क्या बोलते ...#सितारे क्या बोलते सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता #बादल कुछ

read more
White अगर सब बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते ..
तारे क्या बोलते ...सितारे क्या बोलते 
सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता
बादल कुछ कहता ..तो ..क्या आसमान सुनता 
अगर सब बोल सकते ...तो क्या क्या बोलते ..
पेड़ क्या बोलते .... पक्षी क्या बोलते 
फूल क्या कहता..कपड़ा क्या सुनता
मुड्डा क्या होता ... विचार क्या बोलते हैं
 ye  nojoto aap हर वक्त गुस्से में क्यों रहता
अगर सब बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते ..

©neelu #Sad_Status अगर #सब #बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते ..
तारे क्या बोलते ...#सितारे क्या बोलते 
सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता
#बादल कुछ

MiMi Flix

"छोटी गिलहरी की दयालुता: जंगल में चमत्कारी दोस्ती और नीली चिड़िया की मदद: Uplifting and Magical Journey" - एक छोटे से घने जंगल में, एक प्यार

read more

Saket Ranjan Shukla

एक साधारण लेखक के तौर पर अत्याधिक प्रसन्नता और बड़े ही गर्व के साथ मैं पेश करता हूँ “काव्य Saga (बोलती कविताओं का संग्रह)" जो कि मेरे द्वारा

read more

Radhika ki Diary

#love_shayari मैं सच बोलती हूँ तो लोगों के दिल पर लग जाती हैं।। कहते है न कि सच हमेशा कड़वा होता हैं।।

read more
White सीख नहीं पायी मैं मीठे झूट का हुनर,,कड़वे सच ने कई लोग छींन लिए मुझसे।।

©Radhika ki Diary #love_shayari मैं सच बोलती हूँ तो लोगों के दिल पर लग जाती हैं।। कहते है न कि सच हमेशा कड़वा होता हैं।।

(Pari/R.N) Kushwaha

राष्ट्रीय पक्षी

read more

Roopsingh Doi

सच बोलती नज़्म

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

read more
White ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

दीन ईमान वो बेच खाते  रहे 
जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही 

बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ
उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही

वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें
देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।।

बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल ।
और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।।

देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे ।
जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 
ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

@Manorama morya

पक्षी

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile