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Praveen Jain "पल्लव"

#tereliye इबादते तेरी करते करते

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पल्लव की डायरी
सूरज की तरह मै भी ढलुगा
तेरी खिस्मत मै
अफसाना तेरे लिये लिखूगा
बीतेगी हर रात तेरे पहलुओं मै
दीदार तेरा करूँगा
बन्दगी होगी तेरी मूरत की
रोमांच से खिला खिला
ह्रदय तक अंग अंग होगा
इबादते तेरी करते करते
सफल मेरा जीवन और प्यार होगा
                                               प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #tereliye इबादते तेरी करते करते

बेजुबान शायर shivkumar

मुझे मेरी #जिंदगी का हर #तोहफा वो कुबूल है मैने अपने उन #ख्वाहिशों का नाम बताना ही छोड़ दिया । जो मेरे इस #दिल के करीब वो अजीज हैं। मैं

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मुझे मेरी जिंदगी का हर तोहफा वो कुबूल है 
मैने अपने उन ख्वाहिशों का नाम बताना ही छोड़ दिया ।
जो मेरे इस दिल के करीब वो अजीज हैं।
मैंने तो अपने ही उन गैरों पे हक जताना भी छोड़ दिया ।।

वो लोग मेरा दर्द को समझ ही नहीं सकते 
 मैने उन्हें , अपने ही जख्म दिखाना ही छोड़ दिया ।
मेरे दिल पे जो गुजरती है वो हकीकत है मेरी ।
मैने दिखावे के लिए, उसने तो मुस्कुराना ही छोड़ दिया ।।

जो मेरी जरुरत को वो महसूस ही नहीं करते थे 
मैने तो उनका साथ, निभाना ही छोड़ दिया ।
जो मेरे अपने है वो मिलेंगे जरूर मुझे 
मैने बेवजह ही , उन बंदिशें लगाना ही छोड़ दिया ।।

©बेजुबान शायर shivkumar मुझे मेरी #जिंदगी  का हर #तोहफा  वो कुबूल है 
मैने अपने उन #ख्वाहिशों  का नाम बताना ही छोड़ दिया ।
जो मेरे इस #दिल  के करीब वो अजीज हैं।
मैं

Joel/Rooh

जो थे सो थे.... जो थे सो थे.....लेकिन अब जो है..... वही बन कर रहेगे...💋👊 #brokenheart #lover Shayari

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Poet Maddy

हम जिससे मोहब्बत करते थे, उससे इज़हार नहीं किया हमने.......... Love#express#people#Misconception.......

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हम जिससे मोहब्बत करते थे,
उससे इज़हार नहीं किया हमने..........
लोगों की ग़लतफ़हमी है ये कि,
किसी से प्यार नहीं किया हमने..........

©Poet Maddy हम जिससे मोहब्बत करते थे,
उससे इज़हार नहीं किया हमने..........
#Love#Express#People#Misconception.......

Poet Maddy

इक दौर था जब खास हुआ करते थे हम, अब महज़ हम उसके लिए आम हो गए हैं......... #Time#special#common#Heart#slave#GATHERING#famouspoet#streetColon

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इक दौर था जब खास हुआ करते थे हम,
अब महज़ हम उसके लिए आम हो गए हैं.........
जबसे दी है उसने दस्तक हमारे दिल पर,
हम उसकी मोहब्बत के ग़ुलाम हो गए हैं...........
इक वक्त तो वो भी था जब महफ़िलों में,
शायरों की काफ़ी ज़्यादा मशहूर थे हम भी.........
गली, चौराहे, मोहल्ले और अपनी बस्ती में,
बहुत ज़्यादा बुरी तरह से बदनाम हो गए हैं.........

©Poet Maddy इक दौर था जब खास हुआ करते थे हम,
अब महज़ हम उसके लिए आम हो गए हैं.........
#Time#Special#Common#Heart#Slave#Gathering#FamousPoet#Street#Colon

Amit Singhal "Aseemit"

Gourav Shrivas

#घर पुराने होते थे

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Pankaj Pahwa

#भुला रहे थे

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Nitu Singh जज़्बातदिलके

निरंतर प्रयास करो कुछ फायदा है क्या दोहराई गई गलतियों का कुछ हिसाब है क्या केहनेे को तो करते थे बड़ी बड़ी बातें हमेशा अब फिर से वो भरोसे क

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्

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गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान ।
भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।।
धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान ।
देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान ।
जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।।
इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान ।
नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम ।
रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।।
अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान ।
ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब.....

नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव ।
गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।।
झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव ।
धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्
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