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कवि प्रभात
मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात हिंदी कविता कविता कोश कविता
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read moreकाव्यात्मक अंकुर
सामाजिक यांच्या बोलण्यात नाही लॉजिक तर राग येणं साहजिक ही माझीच नाही भावना ही ही भावना सामाजिक ©काव्यात्मक अंकुर #सामाजिक #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #funnyquote #मराठी #मराठीचारोळी #marathi #Funny #marathiwriter कविता विनोदी विनोदी मराठी विनोदी कविता मरा
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read moreMohan Sardarshahari
जलेबी तो टेढ़ी ही रही कईयों को सीधा कर गई लड्डू वालों की शान में चार चांद भी लगा गई।। ©Mohan Sardarshahari # हरियाणवी जलेबी
# हरियाणवी जलेबी
read moreMohan Sardarshahari
इश्क इतना ना किया करो मुझसे कि सुबह भी तुमसे,शाम भी तुमसे बन गई हो तुम मेरी हरियाणवी जलेबी जुड़ गई सता भी तुमसे, खता भी तुमसे सपने भी तेरे और चहुं चर्चे बहुतेरे।। # हरियाणवी जलेबी ©Mohan Sardarshahari हरियाणवी जलेबी
हरियाणवी जलेबी
read morepunit shrivas
तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही पुनीत कुमार नैनपुर ©punit shrivas #talaash देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता
#talaash देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता
read morebina singh
मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh #devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश
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read moreAbhishek12
new video मीम्स लव्हर मराठी हास्य विनोदी कविता Islam Hinduism Entrance examination
read moreAmrendra Kumar Thakur
तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur #oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता
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