Nojoto: Largest Storytelling Platform

New shayari for her in nepali Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about shayari for her in nepali from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, shayari for her in nepali.

ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ

#अब_दिल_नहीं_लगता.. poetry in hindi love poetry for her

read more
Unsplash हर बात की कोई कहानी नहीं होती,
हर धुन की मीरा दीवानी नहीं होती,

कुछ रिश्तों का कोई नाम नहीं होता,
कुछ रिश्तों की कोई निशानी नहीं होती।

किसी की बातों में अब दिल नहीं लगता,
किसी की यादें कभी पुरानी नहीं होती,

टुकड़ों - टुकड़ों में सबको जीना पड़ता है,
संग हमेशा किसी के जवानी नहीं होती।

अपनों के लिए कभी वक्त नहीं है,
गैरों की महफ़िल कभी वीरानी नहीं होती,

तिनके-तिनके से घर बना करता है,
अपनों से अपनों को परेशानी नहीं होती।

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #अब_दिल_नहीं_लगता..
 poetry in hindi
 love poetry for her

Ruamal ali saha

Altab Alam Qureshi

love poetry in hindi love poetry for her

read more
White Log puchtay hai mujhse Nasha na krne ki wajah 
Mainay kaha:

Woh Nasha hi kya jo chadtey hi kuch waqt ke bad utar jae
Nasha toh aisa ho jo
Yah toh Umar bhar hum nashay main ho 
Yah Nasha Umar bhar mujhe hojae

©Altab Alam Qureshi love poetry in hindi love poetry for her

ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ

hindi poetry love poetry in hindi love poetry for her

read more
अपनी जैसी ही किसी शक्ल में ढालेंगे
तुम्हें हम बिगड़ जाएँगे इतना की बना लेंगे तुम्हें,,

जाने क्या कुछ हो छुपा तुम में मोहब्बत के सिवा
हम तसल्ली के लिए फिर से खगालेंगे तुम्हें,,

  हम ने सोचा है कि इस बार जुनूँ करते हुए
  ख़ुद को इस तरह से खो देंगे कि पा लेंगे तुम्हें,,

      मुझ में पैवस्त हो तुम यूँ कि ज़माने वाले
       मेरी मिट्टी से मेरे बाद निकालेंगे तुम्हें,,

                         -अभिषेक शुक्ला

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ  hindi poetry love poetry in hindi love poetry for her

ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ

#बिना_देखे_खुदा_को_मानता_हूं... urdu poetry love poetry for her poetry in hindi

read more
जो नेकी कर के फिर दरिया में इस को डाल जाता है
वो जब दुनिया से जाता है तो माला-माल जाता है।

सँभल कर ही क़दम रखना बयाबान-ए-मोहब्बत में
यहाँ से जो भी जाता है बड़ा बेहाल जाता है।

कभी भूखे पड़ोसी की ख़बर तो ली नहीं उस ने
मगर करने वो उमरा और हज हर साल जाता है।

मनाऊँ हर बरस जश्न-ए-विलादत किस लिए आख़िर
यहाँ हर साल मेरी उम्र का इक साल जाता है।

है दुनिया तक ही अपनी दस्तरस में दौलत-ए-दुनिया
फ़क़त हमराह अपने नामा-ए-आमाल जाता है।

बिना देखे ख़ुदा को मानता हूँ इस लिए 'साहिल'
कोई तो है जो हम को रोज़ दाना डाल जाता है।

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #बिना_देखे_खुदा_को_मानता_हूं...
  urdu poetry
 love poetry for her
 poetry in hindi
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile