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Anuradha T Gautam 6280
#स्त्री_का_दर्द_सिर्फ_स्त्री_ही अच्छे से समझ सकती है और बिन बोले बेटी का दर्द सिर्फ #एक_माँ_ही समझती है..🖊️ राखी_पांडे_धन्यवाद_आपका💐 #लव #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️
read moreNarendra meghwal
White जिंदगी में बहुत चीजे काफी नाजुक होती हैं जिनका मिलना मुकद्दर में नहीं होता अक्सर किस्मत उसी से टकरा जाती है ,अज्ञात। ©Narendra meghwal #good_night नरेंद्र गम भरी शायरी
#good_night नरेंद्र गम भरी शायरी
read moreSumitGaurav2005
हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास जी मोदी #happybirthday #ModiJi #मोदीजी #मोदी #sumitkikalamse #sumitgaurav #sumitmandhana #Poetry #nojotoapp #सुमितमानधनागौरव
read moreMukesh Poonia
बच्चे ज्यादा परेशान कर रहे हो तो उन्हें पढ़ने के लिए बोले, यह तरीका सबसे आसान है उनको सुलाने का... ©Mukesh Poonia #बच्चे ज्यादा #परेशान कर रहे हो तो उन्हें #पढ़ने के लिए बोले, यह #तरीका सबसे २आसान है उनको #सुलाने का... आज का विचार अच्छे विचार फोटो सुविच
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के तीर , प्रेम के वह रस घोले ।। ग्वाल-बाल का साथ , करे जिनका दुख आधा । वह ही है घनश्याम , चली जिनके सह राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के
कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के #कविता
read moreAmit Seth
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White कुण्डलियाँ कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम । देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।। घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी । नगर बसाये एक , नाम जिसका है काशी ।। करो अर्घ्य स्वीकार, कहाँ हो हे शिवशंकर । हम तो जाने आप , बसे हो कंकर-कंकर ।। भोले बाबा आज तो , आओ घर मजदूर । खोज-खोज हम थक गये , हुए आज मजबूर ।। हुए आज मजबूर , कहाँ हो बाबा नन्दी । तुम बतलाओ आज , सोच क्या अपनी गन्दी ।। हम तो उनके भक्त , नाम शिव-शिव ही बोले । पर हमसे ही रूष्ट , छुपे बैठे हैं भोले ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलियाँ कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम । देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।। घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी ।
कुण्डलियाँ कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम । देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।। घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी । #कविता
read moreRavendra
नोडल अधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने भी किया वृक्षारोपण बहराइच ।देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा व प्रदेश के मा. मुख #वीडियो
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