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DR. LAVKESH GANDHI
Maa कहाँ हो लिखो माँ कभी तो मिलो माँ कैसी हो बताओ माँ मिलने तो आओ माँ कितनी दूर हो माँ मेरे पास आओ माँ हर सांस पर कर्ज है तेरा माँ फिर से चुकाने का मौका दो माँ जिंदगी में नहीं सोचा था कभी माँ आप भी मुझे छोड़ कर चलीं जाएंगी माँ ©DR. LAVKESH GANDHI #माँ # #मेरी माँ कहाँ हो #
माँ # मेरी माँ कहाँ हो #
read moreSumit Pandey
मंदिर मस्जिद चर्च 🧬🧬 Shayari अनमोल विचार शुभ विचार नये अच्छे विचार सुविचार इन हिंदी
read moreF M POETRY
White कहाँ से लाऊँ जो हो तुझ जैसा.. हु-ब-हु तुझसा कोई है ही नहीं.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #कहाँ से लाऊँ जो हो तुझ जैसा...
#कहाँ से लाऊँ जो हो तुझ जैसा...
read moreF M POETRY
White कहाँ जाएं तुम्हारे बाद अब हम.. भरी दुनियां में तन्हाँ रह गये हैँ.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #कहाँ जाए तुम्हारे बाद ल..
#कहाँ जाए तुम्हारे बाद ल..
read moreAnjali Singhal
"ज़िन्दगी में कितना विवाद है! बिन विवाद के ज़िन्दगी भी कहाँ आबाद है!!" #AnjaliSinghal #Shayari #Quotes #lifequote nojoto
read moreSarfaraj idrishi
White मस्जिद पर भगवा लहराने मे वो लोग आगे है जिनका खुद मंदीर मे प्रवेश वर्जित है कड़वा है मगर सत्य है ©Sarfaraj idrishi #good_night मस्जिद पर भगवा लहराने मे वो समुदाय आगे है जिनका खुद मंदीर
#good_night मस्जिद पर भगवा लहराने मे वो समुदाय आगे है जिनका खुद मंदीर
read moremanshisingh@gmail.com
उसने कहाँ था ज़िंदगी भर खुश रखूँगा क्या पता था वही मेरे उदासियों की वजह बन जाएगा ©manshisingh@gmail.com उसने कहाँ था ज़िंदगी भी साथ निभायेगे
उसने कहाँ था ज़िंदगी भी साथ निभायेगे
read moreAnant Nag Chandan
White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना ©Anant Nag Chandan बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना
बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना
read moreJaved Raza
White अजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू, कहाँ ख़तम ये मंज़िलें हैं कौन सी, न वो समझ सके, न हम ©Javed Raza #Sad_Statusअजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू, कहाँ ख़तम ये मंज़िलें हैं कौन सी, न वो समझ सके, न हम
#Sad_Statusअजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू, कहाँ ख़तम ये मंज़िलें हैं कौन सी, न वो समझ सके, न हम
read moreGhumnam Gautam
White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है― आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें? ©Ghumnam Gautam #sad_shayari #कहाँ #ghumnamgautam
#sad_shayari #कहाँ #ghumnamgautam
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