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AnitaRaj(@r.)
White ख़ामोशियां धड़कने बढ़ाने लगती हैं रातें अब बहुत शोर करतीं हैं, सिसकियां दबने लगी हैं तकिया के लिहाफों में..... यादें किसी की इस कदर कमज़ोर करती हैं/@r/ ©Anita Raj #sad_dp shayari in hindi shayari attitude hindi shayari
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read morePankaj mishra
White Likho dilke zazbat kagaz pe kalam se Aur agar na aaye samajh to puchh lo hum se.....! ©Pankaj mishra #sad_quotes shayari in hindi shayari sad hindi shayari
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read moreZ Rahman
White रात भर चांद को छेड़ा है यही कह कहकर और ! सूरज के भरोसे पे चमकने वाले ©Z Rahman shayari in hindi hindi shayari
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read moreAli Rashid Hasrat
तुम गरीब हो धर्म का झंडा उठा कर क्या कर लोगे अमीर होते तुम या रोजगार से जुड़े होते तो शायद सड़को पर नही होते और कभी ना झंडा उठाये,तपती धूँप मे झूलस्ते हुये होते नारे लगाते हुये, गले को फाड़ कर कभी ना प्यासे होते धहाड़ी मजदूर से भी कम मे यूँ खुद को ना सताये होते नशे की लत होगी ज़रूर ही तभी तो सब झेल गये यूँ एक अपनी "तलब" के लिये खुद को खतरे मे डाल गये ये तलब होगी शायद दिमाग मे भरे गौबर की तुम मरो कटो सड़को पर वो ठंडक ले AC की चलो अब आता हुं उस श्र्णी पर जो सम्पन्न है मगर सत्ता का लोभ उसे है उसे सत्ता का टट्टू बनना है और समाज मे एक रौब कायम करना है अब इन्हे चन्दे से गरीबो की भीड़ जुटाना है àऔर खुद की गाड़ी पर एक सत्ताधारी झंडा लगाना है कौन है वो जिनके लिये तुम बारूद के ढ़ेर पर हो तुम मे भर कर धर्म की चिंगारी खुद कुर्सी पर ये शेर है सड़को पर तुम्हे उतार कर खुद क्यूँ ज़मी पर नही आते तुम्हे शिकार बना कर ये सत्ता की रोटी खाते किस को किस से डर किस का मजहब खतरे में कौंन बताये कौन तय करे कौन सही पर मौन है तुम्हारे मन मे भरे ये मैल दुसरे धर्म के लिये खुद पीते साथ मे कोफी जायें शादियो मे एक साथ और खाये साथ मे कीमा बौटी तुम्हारे लिये सिर्फ है इन्होने दी है वैधानिक चेतवानी खतरे मे हो तुम ऐसा डरा कर ही इन्हे मिलेगी सत्ता की चाशनी -जय हिन्द ©Ali Rashid Hasrat #Politics