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Stories related to नरेंद्र मोदी हस्त रेखा

Anuradha T Gautam 6280

#रेखा जो सांसों में बसा करते हैं उन्हें रेखाओं में नहीं खोजते..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ १५/१०/२४

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Mahesh Chekhaliya

#engineers_day "सत्य रेखा" I Don't Believe In... लोग क्या कहेंगे ? Because... ज़िंदगी मेरी है, लोगो की नहीं ।

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White "सत्य रेखा"

I Don't Believe In... लोग क्या कहेंगे ?
 Because... ज़िंदगी मेरी है, लोगो की नहीं ।

©Mahesh Chekhaliya #engineers_day "सत्य रेखा"

I Don't Believe In... लोग क्या कहेंगे ? Because... ज़िंदगी मेरी है, लोगो की नहीं ।

Narendra meghwal

#good_night नरेंद्र गम भरी शायरी

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White जिंदगी में बहुत चीजे काफी नाजुक होती हैं 
जिनका मिलना मुकद्दर में नहीं होता अक्सर किस्मत उसी से टकरा जाती है ,अज्ञात।

©Narendra meghwal #good_night नरेंद्र  गम भरी शायरी

SumitGaurav2005

हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास जी मोदी #happybirthday #ModiJi #मोदीजी #मोदी #sumitkikalamse #sumitgaurav #sumitmandhana

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Romil Shrivastava

भाग्य रेखा

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White भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे
प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते
"साथ" के युद्ध में मन पराजित हुआ
याद की अब कोई राजधानी नहीं
प्रेम तो जन्म से ही प्रेणय हीन है
बात लेकिन कभी हमनें मानी नहीं
हर नए युग तुम्हारी प्रतीक्षा रहेगी
हर घड़ी हम समय से अधिक बीतते
भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे 
प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते..!

©Romil Shrivastava भाग्य रेखा

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।

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White विधा   कुण्डलिया :-

तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष ।
जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।।
उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।
आज नहीं है हाथ , हमारे अब वह रेखा ।।
बन बैठे थे गैर , संग ले दूजे फेरे ।
आये हैं सब याद , दिलाने दिल को तेरे ।।

करता किसका मैं यहाँ , सुनो प्रेम स्वीकार।
सब ही तो दिखला रहे , झूठा हमसे प्यार ।।
झूठा हमसे प्यार , करे यह सारे अपने ।
और कहें नित आप , हमारे आये सपने ।।
दे दो कुछ उपहार , जान मैं तुमपे मरता ।
क्या बतलाऊँ आज , प्यार मैं कितना करता ।।

यारा कटती है नहीं , तुम बिन मेरी रात ।
अब करो मुलाकात तो , बन जाए फिर बात ।।
बन जाए फिर बात , रात रानी सी महके ।
दिल के वह जज्बात , चाँदनी पाकर लहके ।।
यह मृगनयनी रूप , बने हर रात सहारा ।
एक झलक जो आज , दिखा दे मुझको यारा ।।

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा   कुण्डलिया :-

तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष ।
जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।।
उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।

Nitu Singh जज़्बातदिलके

जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने‌ दिन गुजरे स

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