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MiMi Flix
"चंचल मोंटू और जादुई फल" - एक चंचल बंदर मोंटू और उसकी दोस्त चुटकी एक अजीब चमकीले फल को पाने की कोशिश में एक अनोखी चुनौती का सामना करते हैं।
read moreJansurajharnaut
गरीबी से निकलने का रास्ता हर घर स्कूल का बस्ता #jansuraaj #digitalyoddha #prashantkishor मोटिवेशनल कोट्स success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल क
read moreअदनासा-
Jansurajharnaut
प्रशांत किशोर ने बताया किस तरीके से वोट देने पर आप गरीबी से निकल सकते हैं | #short #jansuraaj #prashantkishor #digitalyoddha मोटिवेशनल कोट्स
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"चतुर बंदर और गहनों का चोर – बंदर और शेर, हिंदी बच्चों की नैतिक शिक्षा कहानी" - एक घने जंगल में, चतुर बंदर बंटी की एक गलती से अजीब परिवर्तन
read moreUSM Initiative
तुम से तो गरीबी ये मिटाई ना जाएगी बेहतर तो यही है के गरीबों को मिटा दो ©Gazal #गरीबी #तुमसे शायरी हिंदी शायरी हिंदी में शेरो शायरी Radhey Ray Ayesha Aarya Singh Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) poet ziya ansa
Ayushi Goswami
लिया कटोरा भीख मांगते कैसे-कैसे काम करें! इस बचपन की लाचारी को कैसे लोग बदनाम करें। सुबह सवेरे चलते फिरते तचती धूप सताती है। इन नन्हे नंगे नंगे पांव को जाने कैसे जान बचाती है। ©Ayushi Goswami गरीबी शायरी हिंदी #शेरो शायरी हिंदी शायरी# शायरी दर्द
गरीबी शायरी हिंदी #शेरो शायरी हिंदी शायरी# शायरी दर्द
read moreNiaz (Harf)
गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं मगर, टूटे आईनों में सूझते हैं। रोटी के टुकड़ों में बंटा है सारा वजूद, हर ख्वाहिश पर लगता है जैसे कोई सूद। आंखों में आंसू, दिल में हसरतें दबती हैं, हर सुबह उम्मीदें फिर से मरती हैं। नहीं हैं किताबें, ना खेलों की बात, बस मेहनत में बीतता है बचपन का हर रात। वो टूटी हुई झोपड़ी, वो सूना सा चूल्हा, दौलत के आगे सब कुछ यहाँ बेमानी सा लगता है। कभी उम्मीदें होती हैं, कभी दिल तंग होता है, गरीबी में हर इंसान का सपना अधूरा सा रहता है। इस अंधेरी रात में बस एक ख्वाब है रोशनी का, शायद कभी खत्म हो ये दर्द गरीबी का। ©Niaz (Harf) गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं म
गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं म
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