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Neel
White साँझ उतरी है ज़मीं पर, सुबह की लाली लिए, खुशबुएँ फैलीं पहर में, पूजा की थाली लिए। कुछ रीती सी है ज़िन्दगी, कुछ गुनगुनाते स्वप्न हैं, चाँदनी बिखरी ज़मीं पर, रात मतवाली लिए। मशरूफ़ हैं वो फिर कहीं, झूठा बहाना ओढ़कर, जज़्बात फिर ढलने लगे हैं, ऑंखों में पानी लिए। दहलीज पर फुर्सत से हम, थककर खड़े थे रात भर, तुम सुबह बिखरे आ गए, फिर हाथ को खाली लिए। गुजरेगा फिर ये वक्त भी, आएँगी शामें गुनगुनी, गालों को मेरे चूमेगा, फिर हाथों में बाली लिए। ओढूँगी तेरी प्रीत को, आगोश में छुप जाऊँगी, फिर दिन सुहाने आएँगे, साथ खुशहाली लिए। और बनके मेरा तू मुकद्दर, साथ मेरे चल पड़ा, नज़रें झुकी हैं फिर हया से, गालों पर लाली लिए।। 🍁🍁🍁 ©Neel सांझ 🍁
सांझ 🍁 #कविता
read moreकाव्य महारथी
काव्य महारथी संध्या श्रीवास्तव "सांझ", छतरपुर, मध्यप्रदेश हिंदी कविता कविता कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता
read moreDevesh Dixit
White स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था देशवासियों का अपने अपमान किया था क्रांतिकारी भी जोश में थे नेता अपने होश में थे अंग्रेजों की सत्ता हिलाई थी दांतों तले उंगलियां दबवाई थी शासन अंग्रेजों का डोल गया था धीरज उनका बोल गया था क्रांतिकारियों से थर्राने लगे थे नेताओं से वो घबराने लगे थे बोरिया बिस्तरा अपना बांध लिया था एक एक अंग्रेज देश छोड़ कर भाग लिया था देश अपना तब आजाद हुआ हिंदुस्तानी अपना आबाद हुआ ध्वजारोहण तब से हुआ है 15 अगस्त विख्यात हुआ है यह राष्ट्र दिवस हमारा है हमको जां से प्यारा है ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
#happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था #Poetry #sandiprohila
read moreAuthor Shivam kumar Mishra (Shivanjal)
देश भक्त कहलाते हैं लोग तिरंगा फहराते हैं लोग हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को क्या तिरंगा सिर्फ 2 दिनों का ही मेहमान है सिर्फ 2 दिनों की इसकी इज्जत फिर पूरा साल बदनाम है फिर पूरा साल बदनाम है कभी देखा है तिरंगे को नाले में कभी देखा है तिरंगे को कूड़ेदान में कई बार तो पैरों तले रौंद दिया जाता है तिरंगा कभी तो रद्दी वाले को चंद रुपयों में बेच दिया जाता है कभी पुराने अखबार में पड़े-पड़े फट सा जाता है कभी तो कचड़े के साथ जला भी दिया जाता है क्या सोचता होगा तिरंगा हमारे बारे में 2 दिनों का प्यार करते हैं देशवासी तिरंगे से क्या इसकी जिंदगी 15 अगस्त और 26 जनवरी के बीच खत्म हो जाती है ©Author Shivam kumar Mishra देश भक्त कहलाते हैं लोग तिरंगा फहराते हैं लोग हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को क्या तिरंगा सिर्फ 2 दिनों का ही मेहमान है
देश भक्त कहलाते हैं लोग तिरंगा फहराते हैं लोग हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को क्या तिरंगा सिर्फ 2 दिनों का ही मेहमान है #Tiranga
read morePrakhar Tiwari
White झंडा ऊँचा रहे हमारा, सदा ही ऊँचा रहे हमारा। हम इसको प्रणाम करते हैं, राष्ट्र की शान बना रहे हमारा। स्वतंत्रता के रंगों में रंगा, गौरव की ध्वजा लहराए। हर दिल में उमंग जगे, देशभक्ति की धारा बहाए। केसरिया साहस की बातें कहे, श्वेत शांति की निशानी। हरा समृद्धि की राह दिखाए, नीला आसमां की कहानी। चक्र हमें आगे बढ़ने का सिखाए, समय के संग चलते रहना। कभी न रुकें, कभी न झुकें, सपनों को सच करते रहना। इस ध्वज के तले हम एक हैं, सभी धर्मों का मेल। एकता और अखंडता में, हम सब का यही है खेल। झंडा ऊँचा रहे हमारा, हम इसका मान बढ़ाएंगे। राष्ट्र की शान में, हर दिन नया परचम लहराएंगे। ©Prakhar Tiwari #Indian_flag देशभक्ति कविताएँ झंडा ऊँचा रहे हमारा, सदा ही ऊँचा रहे हमारा। हम इसको प्रणाम करते हैं, राष्ट्र की शान बना रहे हमारा। स्वतंत्
#Indian_flag देशभक्ति कविताएँ झंडा ऊँचा रहे हमारा, सदा ही ऊँचा रहे हमारा। हम इसको प्रणाम करते हैं, राष्ट्र की शान बना रहे हमारा। स्वतंत्
read moreParul Sharma
White सबने वंदेमातरम् गाया है हिम्मत नहीं कि आँख उठा के देख ले कोई जुर्रत जिसने भी की मिट गया वहीं का वही गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है मिट्टी का तिलक लगाने वाले धरती के पाँव छूते है जिस जमीन तिरंगा लगे उसके सजदे करते हैं भगत आजाद झांसी की रानी जैसा सब पर देश भक्ति का जुनून छाया है गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है ©Parul Sharma गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है हिम्मत नहीं कि आँख उठा के देख ले कोई जुर्रत जिसने भी की मिट गया वहीं का वही गगन में तिर
गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है हिम्मत नहीं कि आँख उठा के देख ले कोई जुर्रत जिसने भी की मिट गया वहीं का वही गगन में तिर #Indian_flag
read moreAnjali Singhal
"समय का चक्र ना ठहरा किसी की राह में, जिम्मेदारियों के बोझ तले; उम्र ढलती ही जाया करती है। और तमाम उम्र लग जाती है, बेहतर करने की चाह में; ग #कविता #AnjaliSinghal
read moreNirankar Trivedi
सांझ के आंचल में, जब सूरज ढलता है, धरती पर सोने की चादर सा फैलता है। आसमान के रंगों में, सुनहरी लहरें खिलती हैं, प्रकृति की गोद में, मानो स्वर्णधारा बहती है। ©Nirankar Trivedi सांझ के आंचल में, जब सूरज ढलता है, धरती पर सोने की चादर सा फैलता है। आसमान के रंगों में, सुनहरी लहरें खिलती हैं, प्रकृति की गोद में, मानो स्
सांझ के आंचल में, जब सूरज ढलता है, धरती पर सोने की चादर सा फैलता है। आसमान के रंगों में, सुनहरी लहरें खिलती हैं, प्रकृति की गोद में, मानो स् #Poetry #GoldenHour
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम । बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।। बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा । होगा जब संताप , कष्ट मुझको भी आधा ।। छाता लूँ मैं तान , दूर हैं काफी टीले । छाये हैं अब मेघ , न दिखते अम्बर नीले ।। नीले अम्बर के तले , दोनों अन्तर ध्यान । दिव्य शक्ति दोनो यहाँ, कहते सभी सुजान । कहते सभी सुजान, इन्हीं की महिमा न्यारी । सबके दुख संताप , हरे हैं नित बनवारी ।। रिमझिम पड़ी फुहार , हो गये दोनो गीले । छाता ले अब अब तान , नहीं अब अम्बर नीले ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम । बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।। बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा । होगा जब संताप
कुण्डलिया :- नीले अम्बर के तले , जपते राधा नाम । बारिश की हर बूँद से , बचा रहे घनश्याम ।। बचा रहे घनश्याम , भीग मत जाये राधा । होगा जब संताप #कविता
read moreBindu Sharma
White चलो आज आंसमा छू कर आते हैं, ख़ुद न पहुंच सके तो क्या, गुब्बारों को गगन की सैर कराते हैं ... चलो आज अपनी मां को अपना प्यार भरा पैगाम पहुंचाते हैं ©Bindu Sharma #गगन #गुब्बारे #आसमां