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harshit tyagi
White 4 लोग, 40 बातें, 400 अफवाए, Kis Kis ki baaton par Dhayan Doge दोस्तों.... ©harshit tyagi छोड़ो बेकार की बातों, ओर लोगो को अपने आप जो खुश रखों ।
छोड़ो बेकार की बातों, ओर लोगो को अपने आप जो खुश रखों ।
read moreDevesh Dixit
जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको साकार करना होगा। ख्यालों से बाहर निकलना होगा, उड़ान को अपनी भरना होगा। खुला आसमान है ये देखो यारों, उस आसमान को छूना होगा। लक्ष्य को भी अब तो पाना होगा, जिद्द है इसे हासिल करना होगा। रुकावटें आएँ चाहे जितनी भी, उन सबको भी पार करना होगा। धीरज को बनाये भी रखना होगा, मंजिल की ओर नित बढ़ना होगा। फ़सल कटती जैसे समय आने पर, कर्म फल ही उसके अनुसार होगा। हांँ जीत का जज्बा अब रखना होगा, क़ायम भी तो उस पर रहना होगा। छोड़ दिये हैं सारे गिले-शिक्वे पुराने, उन यादों को अब बिसराना होगा। ................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीत_का_जज्बा_रखना_होगा #hindinojoto जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको
#जीत_का_जज्बा_रखना_होगा #hindinojoto जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको
read moreSarkaR
White पत्थरों से टकराकर गिरने से अच्छा है उनसे सीढ़ी बनाकर अपने मंजिल की ओर चलो ©SarkaR #मंजिल
THE THANK SARK
White अपने मंजिल को भुला कर जिया तो क्या जिया दम है तो पा कर दिखा लिख दे अपने खून से काम याबी की लकीर और बोल उस किस्मत को दम है तो मिटा कर दिखा 👍👍 ©THE THANK SARK #sad_quotes मंजिल
#sad_quotes मंजिल
read morejoya
White उठो खड़े हो सम्हलो आगे बढ़ो और चलते रहो ..... क्योंकि सफलता एक दिन में नही मिलती मगर एक दिन जरुर मिलती है। ©joya # बढ़ते रहो मंजिल की ओर #
# बढ़ते रहो मंजिल की ओर #
read moreओमप्रकाश ओ
White मंजिल मौत है सफर के मजे लो ⚠️⚠️ ©ओमप्रकाश ओ #Thinking मंजिल के मजे लो,
#Thinking मंजिल के मजे लो,
read moreranjit Kumar rathour
बेटा मै प्रखर की ओर निहार रहा हूं मेरी एक गलती पर पापा ने जवाबी ख़त मे लिखा था कम हीं ऐसा कभी होता है कि गलती पर पिता डांटे नहीं आशीष दे है मेरे साथ हुआ था और कुछ हीं दिन ज्यादा बड़ा तो कुछ नहीं जिंदगी को एक रास्ता सा मिल था उस घटना के लगभग 25 साल हो चुके है उसी आसमान कि बुलंदियों को निहार रहा था लगा इस पल को कैद कर लूँ कर भी लिया वो होनी धुन मे बढ़े जा रहा था और मैं उस ख़त के हर शब्द के सच होने के एहसास को जिए जाए रहा था बस दिल से निकला बेटा अब दुआए मेरी सफऱ तेरा हा शुरू हो चूका है रुकना मत बस बढ़ते और बढ़ते हीं जाना और लौटना तो इस तरह कि मेरे संग दादा भी कहे देखो ये मेरा पोता है जो बेटे से भी आगे है ©ranjit Kumar rathour शिखर कि ओर
शिखर कि ओर
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