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Shailendra Anand

शायरी दर्द ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,,16,, नवम्बर 2024
वार। शनिवार
समय। सुबह पांच बजे
््निज विचार ््
्््भावचित्र ्््
्््शीर्षक ्््
 ्््ऐ नज़र ््््निजविचार्भावचित्र ्
  ्शीर्षक ्
ऐ नज़र 
     बड़े खुश नसीब है वो,,
     जो अपने होते नहीं देख सकते थे।।1।।
    जिन्हें अपना कहते थकते नहीं थे,,
    वो लफ्जो से आस्तीन के सांप बन गये।।      
     देखें सपनो में खो गए ऐ नज़र,,
     वो लफ्जो का नूर काफ़िर बन गया।।3।।
     कहने को परखना तन मन नहीं,,
     ये पूतला माटी का नही है।।4।।
      ये इबादत अकीदत पेश किया गया,,
      मेरे हजूर नबी की खिदमत में पेश है।5। 
      ये अल्फाज़ नगीना है नूर है,,
      ये साफ़ आयना मेरे ज़िगर से है।6।
        ये ईमान लिखूं या प्रेम की हकीकत,,
        ऐ नज़र इश्क में जो कुछ लिखा गया,, 
         वो मतला तेरे ख्यालों का,,
         ये नूर ए नज़र रुहानी जिंदगी का।7।
          यूं ही पत्थरों को तराशते रहे,, 
         किसी कि याद में  जिंदगीसवार दी।8।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््                
            किसी की यादों में हम दिलों सए

©Shailendra Anand  शायरी दर्द
्््््कवि शैलेंद्र आनंद

काव्य महारथी

आ. किरन अग्रवाल प्रतापगढ़ यूपी हिंदी कविता कविताएं कविताएं कविता कोश हिंदी दिवस पर कविता

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Shailendra Anand

सायरी मोटिवेशन ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

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रचना दिनांक,,,15,, नवम्बर,,2024
वार,,,, शुक्रवार
समय  सुबह   दस  बजे 
्््निज विचार ्््
््भावचित्र ््निज विचार ््
्भावचित्र ्
्शीर्षक ्
््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा,
फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा््
         कहे तो जाने अंजाने में,,
आंखें यूंही बदनाम हो गई ््
प्यार करने वाले खूद ही खुद से,,
 सवाल जवाब बन गये।।1 ।।
जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,,
 मायने क्या समझेगे।।2 ।।
वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,,
बनाने वाले होते हैं ।।3 ।।
जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,,
ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता,
बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।।
वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,,
और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के 
छुपने का प्रहर।।5 ।।
 मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,,
 जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।।
शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,,
 मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

©Shailendra Anand    सायरी मोटिवेशन
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

Yogesh Tripathi

सर्वत्र विजय

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seema patidar

आनंद पथ

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बहुत मित्र कभी नहीं होते 
मित्र जीवन में कम ही हो सकते है
पहचान बहुतों से हो सकती है
सहजता बहुतों से हो सकती है
पहचान दुनिया से हो सकती है
उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है
उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है
उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है
उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है
ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है
जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता ।

©seema patidar आनंद पथ

ARTIST VIP MISHRA

जैसे राम भगवान ने आज के दिन बुराई पर विजय पाई थी वैसे भगवान भी तुम्हें बुराई पर विजय दिलाएंगे

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Shailendra Anand

#navratri भक्ति संगीत कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,,,,9,,,,,10,,,,2024,,,
वार,,,, बुधवार,,,,
समय,,,, सुबह,,, पांच बजे,,
््््निज विचार ्््
,,,्््भावचित्र ््््
््््््शीर्षक ्््््
छाया चित्र में दिखाया गया शारदीय नवरात्र, के पर्व
  अश्विन मासे शरद काले रीतु में सतम दिवस,,
 मां कालरात्रि श्च चित्र में दिखाया गया,,
 रौद़स्वरुप में अखिल विश्व में,
अदभुद चित्र ही मानव जीवन में भी निखार आ रहा है
मृत्युलोक में कर्मलीला कर्मशील में,
नायक बम्हदेव ने मां भगवती दुर्गा पूजा चरण,
 सातवे दिन में कालरात्रि में आत्माओं का,,
विचरण अनेक निराले अंदाज में वायुमंडल में,,
 वीभत्स रूप से मां कौशकी दैवीय शक्ति,
 दिव्यता में रक्ताम्बरी असूरमंर्दृनी मां शब्द के रुप श्रंगार में,
 स्वर्ण रजत कांस्य प्रतिमा पर माल्यार्पण मुण्डमालाधारणीके,
किया गया ईश्वर दैवीय शक्तियों में कालिकायै नमः
के जयकारे लगाते मय्या तेरे व्दारे व्दारे ्््भावचित्र है
रणभूमि में आंखें तेज प्रचण्ड अग्नि सी ज्वाला सी,,
 सकल जगत में दूरात्माओ के भयमुक्ति में,
संत समागम भक्ति भाव में दर्शन करने वाले,
रुप स्वरुप में आकाश लोक से सप्तम श्रृषी मुनि ,
संन्यासी के तंत्र मंत्र यंत्र तंत्र तंत्रिकाओं से,
 सजाया गया साधक साधना तपस्या खुद से खूद में,
 खोकर हासिल सिध्दियां सिध्दि में मंत्रशक्ति ही,
आनंद करणी माता च पारवती देवी गन्धर्व नगरी,
 मध्यप्रदेश देवास में मां कालरात्रि मां चामुण्डा देवी के रूप में,
 एक जीवंत कलाकृति को परखना ही मां के दर्शन में ,
शैलेंद्र आनंद के निज विचार श्रीचरणों में अर्पित करते हुए,
 जीवन सफल बनाएं।। यही कामना है।।
 मेरी स्वरचित रचनाएं में मानव मात्र में जीवन यापन सफल बनाएं ,,
जीवन फूलों पर जिंदगी में एक स्वर पुकार ,
नाद ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः।। ््।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
9,,,10,,,2024,,,

©Shailendra Anand #navratri  भक्ति संगीत
कवि शैलेंद्र आनंद

Shashi Bhushan Mishra

#सुख आनंद भलाई में#

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जज़्बातों   की   खाई में, 
फिसल गए चिकनाई में,

उऋण  नहीं  हो  पायेंगे,
उम्र    कटी   भरपाई में,

अपनापन  का   अंदेशा, 
फिसलन है इस काई में,

प्रेम प्यार सब भूल गए,  
झूठी   मान   बड़ाई में,

फैशन  के  युग में यारों, 
फर्क़  न  चाचा ताई में,

लालच लोभ बढ़े इतने, 
प्रेम  न   भाई  भाई में,

'गुंजन' ये महसूस हुआ, 
सुख आनंद  भलाई में, 
   --शशि भूषण मिश्र
     'गुंजन' प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra #सुख आनंद भलाई में#

Priyanka Rawat

#आनंद वहा नही जहां धन मिले

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काव्य महारथी

काव्य महारथी aa किरन अग्रवाल, प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश हिंदी कविता कविताए प्रेरणादायी कविता हिंदी

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