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Stories related to घरीच रहा सुरक्षित रहा png

Shashi Bhushan Mishra

#दिन निकलता जा रहा#

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आज, कल, परसों पे  टलता जा रहा,
साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा,

तैरने   वाले   गये   उस  पार   कबके,
कुछ  किनारे   हाथ  मलता   जा रहा,

भूलने   वाले   भुला    बैठे   अदावत,
टीसने   वाले   को   खलता   जा रहा,

जम   गई   है    बर्फ़   सी   संवेदनाएं,
वेदना   से    ग़म   पिघलता   जा रहा,

कोई   बच  पाया  नहीं  इस  काल से,
समय  की  चक्की में  दलता  जा रहा,

संभलकर  ही   कर्म  करना  जगत में,
भाग्य  बनकर  बीज  फलता  जा रहा,

ज्ञान दीपक  से मिटे  अंधियार 'गुंजन',
हृदय  में  सुख-शांति  पलता  जा रहा,
  ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#

RUPESH Kr SINHA

#भटक रहा है हर इंसान

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F M POETRY

#लोगों को लग रहा है....

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Unsplash लोगो को लग रहा है मैं ज्ञान पढ़ रहा हुँ..

गुज़रे हुए दिनों कि दास्तान पढ़ रहा हुँ..


यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #लोगों को लग रहा है....

reena sagar

#sad_quotes छूट रहा है सब कुछ

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White तहजीब सीखने की खातिर घर से निकले हम  ,,,हिचकियों में अपनों को सवारते हम ,,, सत्तू की पोटली में मां को निहारते हम ,,, कुछ पीछे छूट जाने की कसक को दिल मैं दफन किए घर से निकले हम,,,, अच्छा लगता है हमको भी मिट्टी में मिलना अपनी नाल को खेतों में दबाना,,, पर  निकल चुके हैं हम खुद से दूर बहुत दूर,,, मेडो में बहता पानी खेतों में चरती गईया,,, गेहूं के संग उगता बथुआ,,, वो चूल्हे की मिट्टी वो सिलगती आग में सिकती रोटी,, छूट रहा है सब कुछ मेरी मुट्ठी से रेत सा

©reena sagar #sad_quotes 
छूट रहा है सब कुछ

Bhupendra Deep

#sad_dp जा रहा हूँ

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White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ
काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं
हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले
चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ

ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ
परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं
मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले
बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ

सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने
अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ
तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने
उस दर्द को छुपाते  मुस्कुराता आ रहा हूँ

अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको
मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं
मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा
 हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं...

©Bhupendra Deep #sad_dp जा रहा हूँ
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