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बेजुबान शायर shivkumar
🌸 गजानंद जी चले 🌸 गजानन जी चले अपने धाम चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान मूषक पर होके सवार चले गजानन जी आया बुलावा मां पार्वती का गजानन जी चले अपने धाम ©बेजुबान शायर shivkumar भक्ति सागर भक्ति भजन भक्ति संगीत Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) poonam atrey puja udeshi Aman Singh #गणेशचतुर्थी #Ganes
भक्ति सागर भक्ति भजन भक्ति संगीत Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) poonam atrey puja udeshi Aman Singh #गणेशचतुर्थी Ganes #GaneshChaturthi #खुशी #हिन्दीकविता #प्रभु #भक्तों #गजानंद #बेजुबानशायर #कविता95 #बेजुबानशायर143
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
विधा कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।। भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा । कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।। राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप । मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।। जीवन के संताप , हरे सब राधा माई । यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।। सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा । उसके ही दुख दूर , करे माँ मेरी राधा ।। राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ । सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।। खेलें उनके साथ , निकट यमुना के तट पर । आया जो आनंद , सुनायें सखियां कहकर ।। उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा । सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध
विधा कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध #कविता
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सावन :- कुण्डलिया सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार । इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।। मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ सारी । भूल गई हूँ आज , प्यार में दुनियादारी ।। उनके जैसा प्रेम , सुना है होता पावन । झूमें मन का मोर , सजन को पाकर सावन ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सावन :- कुण्डलिया सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार । इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।। मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ
सावन :- कुण्डलिया सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार । इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।। मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ #कविता
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दोहा :- भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ । देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।। नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज । मेरी सेवा के सिवा , और न जाने काज ।। मुझको अतिशय प्रिय लगे , महावीर हनुमान । मैं उनके ही नाम का , करता नित गुणगान ।। घर-घर में रहते लखन , पहचानें अब आप । रहकर हरपल संग में , हर लेता संताप ।। प्राणों से प्यारी सखी , जनक दुलारी आज । मेरे सारे दुख हरें , करें हृदय पर राज ।। देखा परमेश्वर यहीं , मातु-पिता के रूप । नतमस्तक निशिदिन रहूँ , मान उन्हें अब भूप ।। बात मान गुरुदेव की , चलूँ सही मैं राह । पूर्ण तभी होंगी सभी , मन में उपजी चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ । देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।। नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज । मेरी सेवा के सिवा , और
दोहा :- भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ । देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।। नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज । मेरी सेवा के सिवा , और #कविता
read moreTamjid alam Alam
अकबरी रोवे असगर रोवे रव वाली सखी ना हुसैन बिना मेंबर रोवे मस्जिद रोवे रोवे पूरा मदीना हुसैन बिनाtamjid alam #शायरी
read moreRakesh frnds4ever
White अनगिनत ,,,,असंख्य ,,,,,,असीमित ,,,,,, बढ़ती विषैले जीवों (मनुष्य) की तादाद में अपने अस्तित्व का होना अखरता है मुझे कि लाखों करोड़ों में से मैं ही क्रूरता के लोक में, अत्याचारों के माहौल में, घुटन के घर में, कृंदन के कमरे में, कुंठा और द्वंद की संग्राम रूपी सैया पर ना जाने कितनी सदियों से संघर्षरत नरकीय जीवन का भोगी बना हुआ हूं,,, ©Rakesh frnds4ever अनगिनत #असंख्य #असीमित बढ़ती विषैलेजीवों ( #मनुष्य ) की तादाद में अपने अस्तित्व का होना अखरता है मुझे कि लाखों करोड़ों में से मैं ही #क्
अनगिनत #असंख्य #असीमित बढ़ती विषैलेजीवों ( #मनुष्य ) की तादाद में अपने अस्तित्व का होना अखरता है मुझे कि लाखों करोड़ों में से मैं ही क् #जीवन #द्वंद्व #कुंठा #घुटन #कोट्स #WORLD_POPULATION_DAY #rakeshyadav #क्रूरताकेलोक
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