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Stories related to equal rights activists

Saket Ranjan Shukla

दर्द का इश्तिहार.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

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White दर्द का इश्तिहार 

ये नैन हमारे यूँ ही अश्क़ों को बेकार हर बार नहीं करते,
न है ऐसा कि चुभते नहीं शब्द, हमें तार-तार नहीं करते,
बटोरने को तो हम भी बटोर लाते, हमदर्द ज़माने भर से,
पर हम आपकी तरह अपने दर्द का इश्तिहार नहीं करते.!

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©Saket Ranjan Shukla दर्द का इश्तिहार.!
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✍🏻Saket Ranjan Shukla
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Saket Ranjan Shukla

लक्ष्मी पूजन एवं दीपों के पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my

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White लक्ष्मी पूजन एवं दीपों के पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 

लौटें हैं राम अयोध्या, दीपोत्सव सम्पूर्ण भारतवर्ष मनाएगा,
भू सजेगी रंगोलियों से, आकाशदीपों से गगन जगमगाएगा,
अग्निक्रीड़ा से कर निशा गुंजित, जग ये हर्ष में डूबा जाएगा,
बाँट सोहन पापड़ी व मिष्ठान, संसार हर बैर से मुक्ति पाएगा,

जागेगी रजनी भी, तम पर दीपकों की आभा विजय पाएगी,
नकारात्मक कोलाहल को अग्निक्रीड़ाओं की ध्वनि हराएगी,
धान के लावे और शक्कर के सांचे से कड़वाहट मिट जाएगी,
भर उन्हें घरौंदे में हर बहन, माँ लक्ष्मी को निमंत्रण भिजवाएगी,

सियाराम व लखन लौटे अवध एवं धरा पर माँ लक्ष्मी पधारी हैं, 
समृद्धिदात्री, हरिवल्लभी, सिंधुसुता माँ पद्मालया अति न्यारी हैं,
जगपालक श्रीहरि के जग संचालन में माँ भार्गवी ही सहकारी हैं,
निर्धनों को समृद्धि व समृद्धों को संतुष्टि देती माँ सर्वहितकारी हैं,

तो आओ दीपों के इस पर्व दीपावली को कुछ इस तरह मनाते हैं,
कर प्रज्ज्वलित दीपक घर-आँगन में, अंतर्मन के तम को डराते हैं,
करके पूजा-अर्चना माँ रमा, धनेश और विनायक की पूर्णश्रद्धा से,
और लगाकर जयकारा श्री राम का दुःख और दारिद्र्य दूर भगाते हैं।

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©Saket Ranjan Shukla लक्ष्मी पूजन एवं दीपों के पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.!
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Saket Ranjan Shukla

अच्छा लगा.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

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White अच्छा लगा 

मुझे अरसों बाद मुझसे जुड़ा हर धागा कच्चा लगा,
दिल मेरा लगा नासमझ मुझे, बिल्कुल बच्चा लगा,

मेरी सुनता ही नहीं है ये, करता है मनमानी हरदम,
ठीक ही तो हुआ, जो इसे दिली खेल में गच्चा लगा,

ज़्यादा ज़िंदादिली सही नहीं, समझाया था मैंने इसे,
सब जानते-बूझते ही इसे ठेस लगी ये, ये धक्का लगा,

मेरी छोड़, सबकी बातों में आने की लत लगी थी इसे,
अब मिलने लगे हैं धोखे, तो मैं हमदर्द इसे सच्चा लगा,

खैर अब सँभाल लेगा “साकेत“, जो भी होगा आगे से, 
जो ज़ख्म दे गए थे अब हाल लेने आए हैं, अच्छा लगा।

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©Saket Ranjan Shukla अच्छा लगा.!
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Saket Ranjan Shukla

हर आवारा बर्बाद नहीं होता.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

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White हर आवारा बर्बाद नहीं होता

हम न ठहरते सफ़र में कहीं तो ये फसाद नहीं होता,
सब सही ही रहता अगर ये दिल आज़ाद नहीं होता,
करके गलती ये मुसाफिर को ही हमसफ़र मान बैठा,
फूटे हैं करम बस हमारे, हर आवारा बर्बाद नहीं होता.!

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©Saket Ranjan Shukla हर आवारा बर्बाद नहीं होता.!
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Indian Kanoon In Hindi

125 ख़तम | पत्नी को मिले नये अधिकार | Wife Maintenance Rights under New Criminal Laws |

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Indian Kanoon In Hindi

125 ख़तम | पत्नी को मिले नये अधिकार | Wife Maintenance Rights under New Criminal Laws |

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Saket Ranjan Shukla

करूँ न करूँ शिकायतें तुझसे.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

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Night sms quotes messages in hindi  करूँ न करूँ शिकायतें तुझसे

हाथों से रेत की तरह, हर दफ़ा फिसल जाती है तू,
मुझे तन्हा छोड़, पता नहीं कहाँ निकल जाती है तू,

मिन्नतें करवाती है तू हरेक मुलाकात के लिए मुझसे,
और बिना दीदार दिए ही कहीं और टहल जाती है तू,

मैं शायद मैं भी न रहूँ, जो तू ना मिले किसी रोज़ मुझे,
मुझे कर बेकल इतना, न जाने कैसे सँभल जाती है तू,

थकता हूँ सारा दिन कि तेरे आगोश में रातें गुजार सकूँ,
मिले सुकून मुझे, इससे पहले ही तो बिछड़ जाती है तू,

हैं और भी शिकायतें ऐ नींद “साकेत" के पास तेरे लिए,
मगर डरता हूँ कहने से कि बड़ी जल्दी बिफ़र जाती है तू।

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©Saket Ranjan Shukla करूँ न करूँ शिकायतें तुझसे.!
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Smruti Ranjan Mohanty

#good_night SOMETHING I LOOK AT-133 BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY WOMANHOOD, A BLISS I am not the selfish arrogant 'I' I am not the independent

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White SOMETHING I LOOK AT-133
BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY

WOMANHOOD, A BLISS

I am not the selfish arrogant 'I'
I am not the independent egoistic 'I'
I am not an island in myself 
But an interdependent loving and reciprocating 'I'
an ocean of unlimited joy and bliss,
a mother to many including the man I love
And his father who sees his mother in me.

A mother, a sister, a daughter, a daughter in law, a wife and beloved I am,
complete in every respect, 
do equal justice to all my roles,
true to myself and others.
Completely lost in my family, 
lost my identity only to become the mistress of it with a much bigger identity.

My womanhood never rests on selfish interests and possessive individualism
It is firmly entrenched on love, 
appreciation and an understanding of each other's needs, emotions and feelings

I can't afford to be selfish 
On me, on my love and sacrifice
stands my family.
I am the mainstay, 
the pivot around which revolves family
and other institutions of society.
I am the voice that gives it meaning and identity 
But for me, the family is a family 
I am that human touch that makes my family so beautiful
Or else it is an assemblage of selfish interests,
a solitary asylum in a noman's land.
I love my family, my family loves me
What more do I need?

Smruti Ranjan Mohanty

©Smruti Ranjan Mohanty #good_night SOMETHING I LOOK AT-133
BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY

WOMANHOOD, A BLISS

I am not the selfish arrogant 'I'
I am not the independent

Saket Ranjan Shukla

आख़िर कैसे..? . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

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White आख़िर कैसे..?

तोड़कर दिल मेरा, मुझसे नज़रें मिला कैसे लेते हो,
नाज़ुक पलकों तले नियत अपनी छुपा कैसे लेते हो,
हैं ज़ख्म इतने गहरे कि चीख मेरी आसमां तक जाए,
फ़िर भी कुरेदते हुए नासूर मेरे, यूँ मुस्कुरा कैसे लेते हो?

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©Saket Ranjan Shukla आख़िर कैसे..?
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✍🏻Saket Ranjan Shukla
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Smruti Ranjan Mohanty

#Sad_Status SOMETHING LOOK AT-96 BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY I AM A WIDOW Do i need to be told what to do, what not to, how should I look,

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