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Bhanu Priya
लड़की हूं, इसलिए हर साल सुर्खी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत्ता, कभी मनाली न जाने कितनी हैं बिगड़ी, कितने आशियानों की रमजान, होली , दिवाली, हक का कहां मिला मुझे, दस्तूर ए जहां, आज इसने तो कल उसने सबने वादें किए मुझसे... यही रीत ज़माने की लड़ता हैं वह खुद के लिए , काश एक बार निकलता वह खुदसे और लड़ता मेरे लिए। ©Bhanu Priya #दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
#दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
read moreमलंग
White कुछ उम्मीद जो हमने बस उनसे ही रखा था, धीरे धीरे वो भ्रम हो गये,अब उनके टूटने का इंतज़ार है, बस यही मेरी वफ़ा की कहानी है.. ©मलंग #वादें_इश्क_के
Parasram Arora
White कितने संकल्प किये कितने वादे किये हमने खुद के साथ कि एक दिन हम जिंदगी को साफ सुथरी पररी तक लें आएंगे अफ़सोस. हमारी कोशिशे नाकाम साबित हुई और जिंदगी के लिये हम कुछ भी न कर सके ©Parasram Arora संकल्प और वादे
संकल्प और वादे
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।। न देखा न सोचा न समझा न जाना । कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।। किनारों में ही डूब जाते ये आशिक । न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।। कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।। चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो । वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
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