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Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White तन्हा राहों में हमको चलना है फिर हुई शाम घर निकलना है दर-ब-दर की तलाश हारे हैं वक़्त गुजरा कभी क्या मिलना है ज़ख्म भर जायेंगे कभी न कभी दर्द फिलहाल दिल को सहना है ये नसीबों का खेल सारा है कभी मिलना कभी बिछड़ना है इश्क़ वालों के हाल क्या कहिये पल में जीना है पल में मरना है ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #ख्वाहिश
punit shrivas
तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही पुनीत कुमार नैनपुर ©punit shrivas #talaash देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता
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read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
White शुभ रात्रि दिन ढलते ही अपनों को शुभ रात्रि कहतें हैं काम काज व भाग दौड़ से सभी थके रहतें हैं उड़ आयेगा चाँद गगन में झिलमिल झिलमिल तारे खुश को जाए तन मन उसका जो भी इन्हें निहारे किसी को अवशर मिला सुनहरा आज करेगा चोरी कोई निकला है निर्जन में बुला रही है गोरी किसी को मिठी नींद मिलेगी सुंदर सुंदर सपने बेखुद हमराही को लेगा आलिंगन में अपने ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #GoodNight प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता प्रेम कविता
#GoodNight प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता प्रेम कविता
read moreShruti Rathi
ऐ मेरे अन्तर्मन तू ले जा मुझे किसी वन Aye Mere Antarman Tu Le Jaa Mujhe Kisi Van ©Shruti Rathi कविताएं कविता कोश कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता
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read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ। बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ। काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा- नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ। दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से। मैं कभी खेलूँ नहीं मजबूर के जज़्बात से। साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ- मैं न घबराऊँ कभी बिगड़े हुए हालात से। मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से। पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से । याद करके लोग मुझसे मत करें निन्दा कभी- अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #ख्वाहिश