Find the Latest Status about आबकारी खाते from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आबकारी खाते.
Manmarzi Shayar
White नजरों से नज़र चुराते हैं.... मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है.... कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा.... जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते हैं.... ©Manmarzi Shayar #sad_quotes नजरों से नज़र चुराते हैं.... मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है.... कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा.... जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते ह
#sad_quotes नजरों से नज़र चुराते हैं.... मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है.... कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा.... जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते ह
read moreshayariwaladoctor
White सच में जीत गया या हार गया धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया बेईमानों की टोली में सवार है,वो जो आज कल का ही बना है बेईमान ईमान बेचकर घर चलता है जिनका उनके साथ बैठा हुआ सोचता है कि उसके साथ कभी नहीं होगा ये अंजाम वैसे तो हर कदम से पहले 100 बार सोचता था जो , एक खुशी के पीछे 100 खुशी गवा बैठा मैंने ऐसे भी देखा है एक पागल इंसान ©shayariwaladoctor सच में जीत गया या हार गया धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया बेईमानों की टोली में सवार है,वो
सच में जीत गया या हार गया धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया बेईमानों की टोली में सवार है,वो
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल मौत थीं सामने ज़िन्दगी चुप रही दर्द के दौर मैं हर खुशी चुप रही जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को बंद आँखें वही मुखबिरी चुप रही दीन ईमान वो बेच खाते रहे जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।। बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल । और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।। देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे । जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल मौत थीं सामने ज़िन्दगी चुप रही दर्द के दौर मैं हर खुशी चुप रही जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को बंद आँखें वही मुखबिरी चुप रही
ग़ज़ल मौत थीं सामने ज़िन्दगी चुप रही दर्द के दौर मैं हर खुशी चुप रही जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को बंद आँखें वही मुखबिरी चुप रही
read more