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Jaleshwar Mehta
Dr.Shweta Singh
अपने ध्वज को मान सम्मान के साथ 16 अगस्त को सम्भाल कर रख दें, ध्यान रहें कहीं सड़क पर ना पड़ा हो,किसी के पैरों पर ना आएं। #Motivational
read moreNirankar Trivedi
White मौसम बदलता है, लेकिन मेरी मोहब्बत की यादें वही रहती हैं, तेरे बिना ये ठंडी हवा भी सर्द लगती है, तू पास होता तो शायद गर्मी में भी सुकून मिलता, अब हर मौसम की धड़कन, बस तेरा इंतज़ार करती है। ©Nirankar Trivedi मौसम बदलता है, लेकिन मेरी मोहब्बत की यादें वही रहती हैं, तेरे बिना ये ठंडी हवा भी सर्द लगती है, तू पास होता तो शायद गर्मी में भी सुकून मिलता
मौसम बदलता है, लेकिन मेरी मोहब्बत की यादें वही रहती हैं, तेरे बिना ये ठंडी हवा भी सर्द लगती है, तू पास होता तो शायद गर्मी में भी सुकून मिलता #Shayari #sad_shayari
read morePrakhar Tiwari
White वो चाँद सी लगती है, रात की रानी की तरह चमकती है। उसकी मुस्कान में बसती है, चाँदनी की सौगातें, चमकती हैं। उसके चेहरे की रौनक, जैसे पूर्णिमा का चाँद, उसकी आँखों की चमक, जैसे तारों की बारात। वो चाँद सी लगती है, शांत, सुकून से भरी, उसकी बातें मीठी, जैसे रात की ठंडी हवा। उसके बालों की लहरें, जैसे बादलों का घेरा, उसके कदमों की आहट, जैसे चाँदनी का पसरा। वो चाँद सी लगती है, अपनी रोशनी से जगमगाती, उसकी उपस्थिति से महकता है, हर पल, हर रात, हर आंगन। वो चाँद सी लगती है, खूबसूरती की मिसाल, उसके दिल की सच्चाई, चाँद की तरह निखरती है हर हाल। वो चाँद सी लगती है, जो सबको रौशनी देती है, उसकी मौजूदगी में सब कुछ, सपनों की तरह लगता है। ©Prakhar Tiwari #weather_today प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं प्यार पर कवितावो चाँद सी लगती है, रात की रानी की तरह चमकती है। उसकी मुस्कान में बसती है, चाँ
#weather_today प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं प्यार पर कवितावो चाँद सी लगती है, रात की रानी की तरह चमकती है। उसकी मुस्कान में बसती है, चाँ
read moreLalit Shihir
White चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचाने जहाँ मै गुमनाम रहूँ.... जहां ना धोखा और ना ही फेरेब देखूं वहाँ चाहे जहाँ इनसान ना ही कहीं एक बड़ी सी जमीन हो, जमीन पे घास और नीला आसमान, आसमान में वादल हो, वादल में सूरज हो और सूरज में धूप हो, धूप में किरण हो और वहती नदी के पानी से टकराकर, एक झोपड़ी की खिड़की पर गिर रही हो, दूर जमीं' के एक हिस्से से बकरी के बच्चों के खेलने की आवाज आ रही हो , ठंडी हवा अपनी धुन में वह रही हो, और मुझे बार-बार छू कर अपने होने का एहसास दिला रही हो, जहां ना टेंशन हो और ना Anxiety जहाँ जाकर में खुद की खो जाऊँ और नींद अगर तो मैं सो जाँऊँ, खुले जो आंख तो मैं अपने घर ही खुद को पाऊ, हाये मेरे सपने भी मेरी तरह अजीब है। ©Lalit Shihir #weather_today चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचान
#weather_today चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचान #SAD #शायरी #LalitShihir #Shihirlalit #LalitShihirPoetry
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