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RAMLALIT NIRALA
White दिन गुजर गये रात गुजर गये गुजरगये सब बाते। ख्याल रखना तुम अपना मां बाप नहीं समझायेगे जीवन भर बाते। मां ईस दुनिया में एक ऐसा शब्द है जो दुनिया के सारे दौलत एक तरफ मां एक तरफ फिर भी दुनिया के दौलत कम पड जायेगी फिर भी लोग एक दूसरे के चक्र में उस दौलत को भुल जा रहै हैं आज कल मै देखा हूँ कि एक मा सारा दुख दर्द सह कर बेटा और बेटी को पालती है बीना उम्मीद के बस एक उमीद के सहारे एक दिन मेरे बुढापे का सहारा बनेगा मेरा बेटा पर कहते हुये मूझे दुख ही नहीं रोना पड रहा है ओही बेटा बीबी के साथ और मा को किनारे कर देरहा है सोचो कितना दूख से ओ मा अपनी जीवन को बिताती है बाकी बाद मे लिखुगा यार आशु नहीं रूक रहा है मेरा ©RAMLALIT NIRALA मां को कभी दुखी नहीं करना चाहिए
मां को कभी दुखी नहीं करना चाहिए
read moreRavi yaduvanshi61
White एकादशी पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।।। ©Ravi yaduvanshi61 एकादशी व्रत
एकादशी व्रत
read moreF M POETRY
White कौन सुनता है ईश्क़ वालों की.. किसको समझाऊँ हाल-ए-दिल अपना.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #किसको समझाऊं.....
#किसको समझाऊं.....
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌙 जो लोग किसी कारण एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें एकादशी के दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए, तथा झूठ एवं परनिंदा से बचना चाहिए, उसके साथ मन भगवान श्री कृष्ण का लगातार चिंतन करना चाहिए, और जो व्यक्ति एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करता है, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌙 जो लोग किसी कारण एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें एकादशी के दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना
#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌙 जो लोग किसी कारण एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें एकादशी के दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना
read moreAmlendu Shukla
White कठिन से कठिनतम व्रत भी सहज एवं सरल भाव से धारण करने वाली भारतवर्ष की सभी देवियों को हरतालिका तीज व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं🙏 भगवान शिव सभी का कल्याण करें 🙏🙏 निर्विकार भाव से उतर धरा पर वो चली, बनी कभी जो गंगा तो यमुना बन भी वो चली, थकी नहीं यहां कभी वो अथक यहां चली, प्रेम पाकर इस जगत में वो रही खिली खिली, जनम जनम की यात्रा में हर जनम मुझे मिली, तप की आग थी कठिन मगर मेरे लिए जली, कौन रोकता हमें जब सारथी वो थी मिली, भाग्य यह है मेरा जो यहां मुझे है वो मिली। अमलेन्दु शुक्ल सिद्धार्थनगर उ०प्र० ©Amlendu Shukla #Shiva हरतालिका व्रत poetry Amlendu shukla
#Shiva हरतालिका व्रत poetry Amlendu shukla
read moreShashi Bhushan Mishra
कुत्तों की भरमार, किसको है दरकार, अराजक हैं तत्व, न्यायालय लाचार, अनुशासन कमज़ोर, सोई है सरकार, अशिक्षित सब लोग, बेबस घर परिवार, कुनबा बना समाज, लालच लोभ अपार, सत्ता पाना लक्ष्य, मानवता बेज़ार, नारी का सम्मान, स्वर्ग बने घरबार, धरती का उपकार, रक्खो नहीं उधार, 'गुंजन' मन में प्रीत, सही रखो व्यवहार, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #किसको है दरकार#
#किसको है दरकार#
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