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Urmeela Raikwar (parihar)

#Sad_Status आओ लौट चले #कोट्स

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White आओ चले अब उन घरौंदों की और, जहाँ से हम कुछ पाने की चाह लिए निकले थे, 
बचपन लिये चले थे बुढ़ापा लेकर लौटे है ,
कुछ करने का ज़ज्बा लिये चले थे, 
फिर  अब खाली हाथ लिये लौटे है,

by Urmee ki Dairy

©Urmeela Raikwar (parihar) #Sad_Status आओ लौट चले

चारण गोविन्द

प्रीत जो ताउम्र चलें। #चारण_गोविन्द #govindkesher #actual_poet #CharanGovindG #Dream Love Poetry Teacher #RAJASTHANI #love_shayari #शायरी

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White गम लिखते हर पन्ने में तुम मुझको मेरे साथ दिखी, 
तन्हा रोज बिलखने में तुम मुझको मेरे साथ दिखी,

दुनियाँ कहती है सच होते है सब भौर दिखे सपने,
आज सुबह के सपने में तुम मुझको मेरे साथ दिखी।

चारण गोविन्द प्रीत जो ताउम्र चलें।
#चारण_गोविन्द #govindkesher #actual_poet #CharanGovindG #Dream #Love #Poetry #Teacher  #RAJASTHANI 

#love_shayari

चारण गोविन्द

प्रीत जो ताउम्र चलें। #चारण_गोविन्द #govindkesher #actual_poet #CharanGovindG #Dream Love Poetry Teacher #RAJASTHANI #love_shayari #शायरी

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White गम लिखते हर पन्ने में तुम मुझको मेरे साथ दिखी, 
तन्हा रोज बिलखने में तुम मुझको मेरे साथ दिखी,

दुनियाँ कहती है सच होते है सब भौर दिखे सपने,
आज सुबह के सपने में तुम मुझको मेरे साथ दिखी।

चारण गोविन्द प्रीत जो ताउम्र चलें।
#चारण_गोविन्द #govindkesher #actual_poet #CharanGovindG #Dream #Love #Poetry #Teacher  #RAJASTHANI 

#love_shayari

Rajesh vyas kavi

आओ आओ जी आओ बनवारी #shree#Krishna #जन्माष्टमी #Krishna #भक्ति

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White आओ आओ जी आओ गिरधारी ।
हमें राह दिखाओ बनवारी ।।
पूज रहें है हम सब मिलकर ।
हरना विपदाएं सारी ।।
आओ आओ _____

© Rajesh vyas kavi आओ आओ जी आओ बनवारी 
#shree#krishna #जन्माष्टमी 

#Krishna

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द :- अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम । ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।। ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परि #कविता

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मरहटा छन्द :-

अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम ।
ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।।
ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परिणाम ।
अब मुक्ति दिलाओ , राह दिखाओ , करता तुम्हें प्रणाम ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मरहटा छन्द :-

अब आओ गिरधर , आओ हलधर , आओ मेरे राम ।
ये नरसंहारी , आत्याचारी , छुपे नरक के धाम ।।
ये सब हैं दानव , पीड़ित मानव ,  दो इनको परि

Shishpal Chauhan

#आओ वृक्ष बचाएं #शेयर_जरूर_करें #🎋🌴🌳🌲🎄 #कविता #💕💕💕💕💕

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Rajesh vyas kavi

आओ सिखाऊं तुम्हें ____ #my Life #जिंदगी #love_shayari

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White आओ साथ में मेरे _ तुम्हें मैं अपना बनाऊंगा ।
सपना जैसा मेरा है _तुम्हे मै सपना दिखाऊंगा ।।
काम जो भी अधूरे है_ करेंगे दोनो ही पूरे ।
खपूंगा पूरी मेहनत से _ तुम्हे मै खपना सिखाऊंगा ।।

© Rajesh vyas kavi आओ सिखाऊं तुम्हें ____
#my #Life #जिंदगी 

#love_shayari

Pratibha Pandey

#happy_independence_day आओ गुणगान देश का गाएं #कविता #विधा #शीर्षक #दिनांक

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

*विधा     सरसी छन्द आधारित गीत* आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी ... #कविता

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*विधा     सरसी छन्द आधारित गीत*

आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव ।
वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।।
आओ लौट चलें अब साथी ....

पूर्ण हुई वह खुशियाँ सारी , जो थी मन में चाह ।
खूब कमाकर पैसा सोचा , करूँ सुता का ब्याह ।।
आज उन्हीं बच्चों ने बोला , क्यों करते हो काँव ।
जिनकी खातिर ठुकरा आया, मातु-पिता की ठाँव ।
आओ लौट चलें अब साथी .....

स्वार्थ रहित जीवन जीने से , मरना उच्च उपाय ।
सुख की चाह लिए भागा मैं, और बढ़ाऊँ आय ।।
यह जीवन मिथ्या कर डाला , पाया संग तनाव ।
देख मनुज से पशु बन बैठा , डालो गले गराँव ।।
आओ लौट चलें अब साथी....

भूल गया मिट्टी के घर को , किया नहीं परवाह ।
मिला प्रेम था मातु-पिता से , लगा न पाया थाह ।।
अच्छा रहना अच्छा खाना , मन में था ठहराव ।
सारा जीवन लगा दिया मैं , इन बच्चों पर दाँव ।।
आओ लौट चलें अब साथी .....

झुकी कमर कहती है हमसे , मिटी हाथ की रेख ।
गर्दन भी ये अब न न  करती ,लोग रहे सब देख ।।
वो सब हँसते हम पछताते, इतने हैं बदलाव ।
मूर्ख बना हूँ छोड़ गाँव को , बदली जीवन नाँव ।।
आओ लौट चलें साथी अब ...

कभी लोभ में पड़कर भैय्या , छोड़ न जाना गाँव ।
एक प्रकृति ही देती हमको , शीतल-शीतल छाँव ।।
और न कोई सगा धरा पर , झूठा सभी लगाव ।
अब यह जीवन है सुन दरिया , जाऊँ जिधर बहाव ।।
आओ लौट चलें अब साथी....

आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव ।
वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *विधा     सरसी छन्द आधारित गीत*

आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव ।
वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।।
आओ लौट चलें अब साथी ...

Kiran Chaudhary

अबके जो आओ तो वक़्त लेके आना।। #कविता

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