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neelu
White अगर आपका मंगल तीसरे घर में . . और आपका शनि सातवे घर में.. तो आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि आपका शुक्र किस घर में है ©neelu #good_night तो #आपकोदेखनाहै #यहां_शेर___नहीं_शवाशेर_हैं_____ तो #आपको_हँसा_हँसा_के_पागल_कर_देगी_ये_शायरी #यही_सच_है
Himanshu Prajapati
White आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं, बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं, मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा तुमसे हार जाता हूं, बवालों का क्या कहूं..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं, बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं, मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा तुमसे हार जाता ह
#love_shayari आंखों में बसें हो, ख्यालों का क्या कहूं, बातों में बसे हो, सवालों का क्या कहूं, मोहब्बत में थोड़ा उलझा हुआ सा तुमसे हार जाता ह
read moreDANVEER SINGH DUNIYA
White अगर है मोहब्बत तो इजहार ना कर चाह ले कितना भी बदनाम ना कर दुःख इतने दिए कि कह ना सकूं मैं पूरी होगी कमी तो परेशान ना कर ©DANVEER SINGH DUNIYA #love_shayari क्या कहूं और
#love_shayari क्या कहूं और
read moreBhanu Priya
White कह दूं तो इश्क है , न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं। ©Bhanu Priya #GoodMorning कह दूं तो इश्क है , न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं। Divya Hariwanshi @nikhil._ Deep_26Nt
#GoodMorning कह दूं तो इश्क है , न कहूं तो मेरे बेबाक सपने हैं। Divya Hariwanshi @nikhil._ Deep_26Nt
read moreहिमांशु Kulshreshtha
यूँ तो सब ठीक ही चल रहा था जिंदगी में फ़िर हुआ कुछ ऐसा तुम मिले मुझे और इश्क़ हो गया मुझे तुम से ©हिमांशु Kulshreshtha यूँ तो
यूँ तो
read moreVk srivastav
क्या कहूं क्या नही हुआ क्या हुआ यूं चहूं ओर से घेरे है धुंआ सांस ले पाना भी अब मुश्किल है ज़िंदा रखे है मुझे सिर्फ़ मेरी मां की दुआ ©Vk srivastav क्या कहूं क्या नही हुआ क्या हुआ #Trending #शायरी #Shorts #loV€fOR€v€R #viral #Love #SAD #vksrivastav
हिमांशु Kulshreshtha
यूँ तो मुझे इश्क़ में कभी कोई दिलचस्पी रही नहीं… लेकिन….. मेरी शायरी का सबसे अज़ीज़ किरदार है “वो” ….!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha यूँ तो...
यूँ तो...
read moreaapki_adhuri_baten
White #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha ©aapki_adhuri_baten #good_night #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha
#good_night #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था। तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।" जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे। फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?" लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ ChatGPT can make ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
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