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Shivkumar barman
White भाई बहन का प्यार पवन , प्रेम भरा ये संसार । ये नोंक झोंक के रिश्ते नाते , होता है उनमे तकरार ।। भाई दूज का यह त्यौहार ,आता है ये हर साल । देख देख कर भाई भावज, जाती बहन वो निहाल ।। चंदन तिलक शीश पर शोभे, देती है वो ये आशीष । लेती बहन भाई से सदा ,देख खूब वो बख्शीस ।। तरह तरह के मेवा, मिष्ठान्न सजा, देती है वो उपहार । उनकी लंबी आयु की कर कामना वो करती बहन दुलार ।। एक ही डाली के दो पुष्प, इनसे खिले अनेक बहार । वो मात पिता के सदा लाडले , वो घर के ये श्रृंगार ।। होनहार बच्चे है दोनों, ईश्वर का ये सौगात । भाई बहनों का ये रिश्ता, किस्मत की है ये बात ।। लो चली पराई आँगन बहना, भाई हुआ बहुत उदास । आते ही बहना को घर में, छाए है सब उल्लास ।। पावन बंधन है दोनों का ,रहे सदा ही एक साथ । एक दूसरे के मुश्किल में, थामे रहते दोनों हाथ ।। ©Shivkumar barman #भाईबहन का प्यार पवन , प्रेम भरा ये #संसार । ये नोंक झोंक के #रिश्ते नाते , होता है उनमे तकरार ।। भाई दूज का यह #त्यौहार ,आता है ये हर
बेजुबान शायर shivkumar
White ! ! *भाई दूज* ! ! भाई दूज यानी की... भाई बहन के प्यार का अटूट बंधन है । वन को भी महका दे जैसे पावन वो चंदन है । इस दिन बहन भाई की आरती कर खिलाती है मिठाई को । भाई को तिलक लगाकर सलामत करती है ये दुहाई । सुना है यमराज एक दिन... अपने बहन से मिलने उनके घर गए थे । तब इनकी बहन यामी ने... यमराज की आरती कर खिलाई थी वो मिठाई । तिलक लगाकर सलामतक की करी थी ये दुहाई । तब से ही चला आ रहा ये रिवाज़ । आज भी दुनिया दे रही इसका इस्बात । मेरी ज़िन्दगी भी बड़ी ही निराली है। ज़िन्दगी में कुछ इस तरह छाई है कुछ बदली काली । * बाबू * ये सच है के मैं घर का इकलौता बेटा नही हूं । इस भाई बहन के प्यार से मै बहुत बेगाना हूं । *आप सभी भाई बहन को भाई दूज की बधाई * ©बेजुबान शायर shivkumar ! ! *भाई दूज* ! ! भाई दूज यानी की... भाई बहन के प्यार का अटूट #बंधन है । वन को भी #महका दे जैसे पावन वो चंदन है । इस दिन बहन भाई की #आरत
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White जिसके दुनिया में कोई भी काम आता नहीं ,उसे बाबा ठुकराता नही है, वहां हमारा और सिर्फ हमारा बाबा श्याम आता है बाकि कोई और आता नहीं। जब ठोकर मारी थी हमें ज़माने भर ने,तब सँभालने को कोई नहीं था, उस ठोकर से बाबा ने हमें उठाया, और हमें गले से लगाया उस दौर में सिवा कोई और नही, दो वक्त की रोटी के भीं फाके पड़े, रहने को भी परिवार के लिए छत थीं नहीं , मेरे बाबा ने रहने को छत दिया और छप्पन भोग खिलाया वरना यहां तो भूखे को भोजन नहीं। जब अपमानित होते थे ज़माने में, तो सम्मान तूने दिलाया, तेरे सिवा कोई अब ठिकाना नहीं, बाबा श्याम ने उठाकर हमें, अपने माथे का तिलक बनाया है। आज भी जब हारते हैं हम, तो बाबा तुझी को कह आते हैं, कि तू जाने, तेरा काम जाने, बाबा मैं तो तेरे दर पर आई हूँ। जरा और ध्यान रखना हमारा, दुश्मन और बनाकर आई हूँ, फूलों का नहीं, काँटों का ताज पहनाया ज़माने ने मेरे बाबा, चार शूल और ताज में ज्यादासज़ा कर और लाई हूं। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #sad_quotes जिसके दुनिया में कोई भी काम आता नहीं ,उसे बाबा ठुकराता नही है, वहां हमारा और सिर्फ हमारा बाबा श्याम आता है बाकि कोई और आता नहीं
#sad_quotes जिसके दुनिया में कोई भी काम आता नहीं ,उसे बाबा ठुकराता नही है, वहां हमारा और सिर्फ हमारा बाबा श्याम आता है बाकि कोई और आता नहीं
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