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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी आदर्श व्यकित्व था श्री राम का कर्तव्य हमेशा निभाते थे नही चिंता की कभी अधिकारों की राजपाट तज,वन को जाते है देखी जग ने इनकी मर्यादा इसलिये हर युग मे राम ही युगपुरुष कहलाते है कल्पना राम राज्य की सब करते है उनके पदचिन्हों को आदर्श बनाना चाहते है राम राम का स्वर सबके मुख से उच्चरता ह्रदय ह्रदय में जाप चलता है जग की वैतरणी पार करने में आधार राम का ही लेना पड़ता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Ram_Navmi देखी जग ने इनकी मर्यादा,इसलिये हर युग मे पूजे जाते है #nojotohhindi
#Ram_Navmi देखी जग ने इनकी मर्यादा,इसलिये हर युग मे पूजे जाते है #nojotohhindi #कविता
read moreIG @kavi_neetesh
कात्यायनी मैया, शरणागत को चरणों में ले लो, हे मातारानी दुनिया में, तेरी कृपा बड़ी महान् है। आदिशक्ति का छठा रूप हो तुम, शक्ति स्वरूपा, महिषासुर मर्दनी रूप में, जग में तेरी पहचान है। कात्यायनी मां……. ब्रह्मा, विष्णु, महेश के आग्रह पर हे देवी महारानी, आदिशक्ति दुर्गा भवानी का दिया, रूप यह वरदान है। कात्यायन ऋषी आश्रम गई थी, आप बेटी बनकर, धर्म ग्रंथों में हे मां, ऐसा ही तेरा अमर निशान है। कात्यायनी मां……….. पीताम्बर परिधान तुमको, बहुत भाता है देवी माता, पंचमेवा तेरे भोग का भवानी, मन पसंद सामान है। द्वापर में ब्रजमंडल की, अधिष्ठात्री देवी रही थी मां, त्रेता युग में रामावतार में, श्रीहरि की रही शान है। कात्यायनी मां………….. मैया, महिषासुर वध करके, दिया तुमने सुंदर उपहार, तीनों लोक में बजा डंका, आज भी वही सम्मान है। चार भुजाओं वाली देवी, तुम सारे जग की जननी हो, अस्ताचल की शोभा मैया, तू सबके मन का अरमान है। कात्यायनी मां ………….. ©IG @kavi_neetesh कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गये , लगा जिन्हें था रोग ।। बात-बात पर जग भला , क्यों देता है टोक । कहाँ आयु है प्रेम की , जो लूँ दिल को रोक ।। करते रहते तंज हैं , क्या होता है प्यार । सब कुछ तो हैं हारतें , दिल को भी दें हार ।। जीवन से अब हार कर , पाया है यह सीख । पेरी जाती है सदा , जग में देखो ईख ।। आशा की पूँजी बड़ी, कभी न होती खर्च । रखिये अपने साथ नित , चाहे जायें चर्च ।। आशा हो तो ईश भी , मिल जाते हैं द्वार । वरना रहिये खोजते , बन पागल संसार ।। युग कितने बीते यहाँ , किया नहीं विश्राम । आशाओं से राम जी , लौटे अपने धाम ।। धैर्य रखे इंसान तो , सब संभव हो जाय । आशाओं के दीप से , जग रोशन हो जाय ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गय
दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गय #कविता
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक इंसानियत का प्रश्न विधा विचारनुमा भाषा शैली हिन्दी . . #Emotions #Trending #femalerealvoice #कवितावाचक #tarukikalam #devotionally_spiritually_taru #इंसानियतकाप्रश्न
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दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।। कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार । जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।। कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम । तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।। रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल । रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।। आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो फर्क । मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।। जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश । कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।। जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात । वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।। मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद । तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।। मातु-पिता हर से कहे, प्रखर जोड़ कर हाथ । अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।। मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान । जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।। तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव । वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।। मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार । पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।। मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान । उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून
दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून #कविता
read moreVijay Shankar
White अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग में प्रतियोगिताएं होती रही हैं. त्रेता में धनुष तोड़ना था, तो द्वापर में मछली की आंख पर निशाना लगाना था.. कलियुग में अब सरकारी परीक्षा पास करनी पड़ती है ।। ©Vijay Shankar अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग
अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग #कॉमेडी
read moreOdysseus
Rap टूटी चप्पल, सस्ते कपड़े बटुआ अपना ख़ाली है हर मौसम में साथ निभाती अपनी ये कंगाली है कोई ताने देता है तो #Hindi #कॉमेडी #SeptemberCreator
read moreवंदना ....
White क्यों तेरा चेहरा .......... धुंधला सा हो गया क्यों तेरी यादों पर ..... पर्दा सा पड़ गया क्यों ये दूरियां ......... सदियों की दरारें बन गई ......... वो प्रेम नहीं तो फिर क्या था ............ ऐसा तो पूरा युग नहीं गुजारा होगा .....… ©वंदना .... #पूरा #युग #सदियों से #प्रतीक्षा #प्रतीक्षा_में_प्रेम 🙏🤗🙏
#पूरा #युग #सदियों से #प्रतीक्षा #प्रतीक्षा_में_प्रेम 🙏🤗🙏 #कविता
read moreSharad Chaturvedi
White अगर सीता सोने का हिरण चाहेगी तो राम से बिछड़ना हर युग में तय है साहब ©Sharad Chaturvedi हर युग की सीता #sad_shayari
हर युग की सीता #sad_shayari
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