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New एक आखिरी ख्वाहिश Quotes, Status, Photo, Video

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Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White तन्हा राहों में हमको चलना है 
फिर हुई शाम घर निकलना है 

दर-ब-दर की तलाश हारे हैं 
वक़्त गुजरा कभी क्या मिलना है 

ज़ख्म भर जायेंगे कभी न कभी 
दर्द फिलहाल दिल को सहना है 

ये नसीबों का खेल सारा है 
कभी मिलना कभी बिछड़ना है 

इश्क़ वालों के हाल क्या कहिये 
पल में जीना है पल में मरना है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #ख्वाहिश

Bh@Wn@ Sh@Rm@

#शहिद् का आखिरी खत

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White ।।शहीद् का आखिरी खत ।। 

खत लिख रहा हु मां तुझे, लिख रहा अपना हाल हुं
तुम चिंता ना करना मां , मै अपनी भारत माँ के पास हुं

बड़े प्यार से रखती मुझको,अपनी ममता का आँचल फैला देती 
नींद मुझे जब आती हे ,अपनी बाहों मे मुझे सुला लेती

तेरी जैसी ही तोह मूरत हे ,मै रोज ख्याब मे मिलता हुं 
मै उसका भी लाल हु मां , तभी बार्डर पर रहता हुं

तूने जन्म देकर मुझे ,सौपा भारत मां के हाथों मे
उसकी रक्षा करना ,मुझे बताया तूने हर बात मे

लिख रहा हुं खत मे जो हकीकत मेरी हे
पड़ के रोना नही मां ,तुझे सौंगध मेरी हे

मै आऊ जब लिपट कर तिरंगे मे
देख मुझे ना हार तु जाएगी

वादा कर मां अपने लाल को अश्रु ना चढ़ायेगी
मुस्करा कर भारत माँ की गोद मे मुझे सुलाएगी

लूंगा फिर जन्म हर जन्म तेरा लाल बन कर 
हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी

हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी।।

।।भावना शर्मा ।।

©Bh@Wn@ Sh@Rm@ #शहिद् का आखिरी खत

manju Ahirwar

सारी दुनियां का साथ ठुकरा के ,तेरी ओर चले हैं मेरे कदम।
मेरे ख़्वाबों की शुरुआत है तुझसे ,तेरे नाम पर ही ख़त्म।।

तू चाहे या न चाहे मुझे , तेरे एहसासों की डोर जुड़ी है 
ए वक्त तुझे ज़ाया करूं  उस पर ,तेरे साथ चली है सांसों की नज़म।।

©manju Ahirwar #love_shayari 
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#नज़्म 
#कदम
#जिंदगी
#love

TeacherShailesh

लता मंगेशकर जी के आखिरी शब्द! #teachershailesh #supersamvaad#टीचरशैलेश

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Amit Seth

2024 का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण #viral #Trending

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रिपुदमन झा 'पिनाकी'

White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ।
बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ।
काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा-
नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ।

दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से।
मैं  कभी  खेलूँ  नहीं  मजबूर  के  जज़्बात  से।
साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ-
मैं  न  घबराऊँ  कभी  बिगड़े  हुए  हालात   से।


मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से।
पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से ।
याद करके लोग मुझसे मत करें निन्दा कभी-
अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #ख्वाहिश
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