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बेजुबान शायर shivkumar
White ! ! *भाई दूज* ! ! भाई दूज यानी की... भाई बहन के प्यार का अटूट बंधन है । वन को भी महका दे जैसे पावन वो चंदन है । इस दिन बहन भाई की आरती कर खिलाती है मिठाई को । भाई को तिलक लगाकर सलामत करती है ये दुहाई । सुना है यमराज एक दिन... अपने बहन से मिलने उनके घर गए थे । तब इनकी बहन यामी ने... यमराज की आरती कर खिलाई थी वो मिठाई । तिलक लगाकर सलामतक की करी थी ये दुहाई । तब से ही चला आ रहा ये रिवाज़ । आज भी दुनिया दे रही इसका इस्बात । मेरी ज़िन्दगी भी बड़ी ही निराली है। ज़िन्दगी में कुछ इस तरह छाई है कुछ बदली काली । * बाबू * ये सच है के मैं घर का इकलौता बेटा नही हूं । इस भाई बहन के प्यार से मै बहुत बेगाना हूं । *आप सभी भाई बहन को भाई दूज की बधाई * ©बेजुबान शायर shivkumar ! ! *भाई दूज* ! ! भाई दूज यानी की... भाई बहन के प्यार का अटूट #बंधन है । वन को भी #महका दे जैसे पावन वो चंदन है । इस दिन बहन भाई की #आरत
MiMi Flix
"चंचल गिलहरी और जादुई झरना" - चंपा वन में चंचल नाम की एक नन्ही गिलहरी एक जादुई झरने की खोज करती है, जो इच्छाएं पूरी करता है। जब वह सच्चा दोस
read moreRavendra
पीलीभीत जंगल से निकले बाघ ने आबादी में जमाया अपना डेरा कालौनी में छप्परपोश घरों में रह रहे लोगों में दहशत बाघ पकड़ने को वन विभाग के अफसरों क
read moreAshraf Fani
White तू संग रहे तो वन भी सुन्दर लगता है बातें प्यारी करे तो मन भी सुन्दर लगता है तू बांध रखे आज़ाद रखे प्रेम में कैदी जीवन है तो प्रेम का कैदी जीवन भी सुन्दर लगता है तू संग रहे तो वन भी सुन्दर लगता है . ©Ashraf Fani तू संग रहे तो वन भी सुन्दर लगता है बातें प्यारी करे तो मन भी सुन्दर लगता है तू बांध रखे आज़ाद रखे प्रेम में कैदी जीवन है तो प्रेम का कैदी ज
तू संग रहे तो वन भी सुन्दर लगता है बातें प्यारी करे तो मन भी सुन्दर लगता है तू बांध रखे आज़ाद रखे प्रेम में कैदी जीवन है तो प्रेम का कैदी ज
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।। गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार । हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।। वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार । बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।। कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार । तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।। हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद । गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द । हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान । हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।। सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार । आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।। हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान । ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब
दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब
read moreRavendra
डॉ. शर्मा ने ग्रामवासियों से अपील की कि सर्च आपरेशन में जिला प्रशासन का सहयोग करें। पुलिस, राजस्व, वन, ग्राम्य विकास व अन्य सम्बन्धित विभागो
read moreRavendra
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने वन्यजीव प्रभावित क्षेत्र का किया भ्रमण बहराइच 31 अगस्त। मा. अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर), उ.प्र. राज्य
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