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Stories related to दृश्य पटल का अर्थ

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Mukesh Poonia

#teatime #लक्ष्य बनाना #अदृश्य को #दृश्य में #परिवर्तन करने का #पहला #चरण है बेस्ट सुविचार आज का विचार आज शुभ विचार शुभ रात्रि सुविचार अच्छे

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लक्ष्य बनाना अदृश्य को दृश्य में
परिवर्तन करने का पहला चरण है










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©Mukesh Poonia #teatime #लक्ष्य बनाना #अदृश्य को #दृश्य में #परिवर्तन करने का #पहला #चरण है बेस्ट सुविचार आज का विचार आज शुभ विचार शुभ रात्रि सुविचार अच्छे

Srinivas

नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए। #विचार

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नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए।

©Srinivas नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए।

Ayush Kumar

मनोरम दृश्य यूट्यूब वीडियो

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ANATH SHAYAR

बादल सिंह 'कलमगार'

हिंदी का अर्थ हो तुम... #badalsinghkalamgar Poetry #Hindi प्रेम कविता Arshad Siddiqui Neel Ritu Tyagi Beena Kumari Shiv Naraya

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suman gaur

केदारनाथ मंदिर का नजारा भैरव बाबा के पास से बहुत मनमोहक दृश्य है हर हर महादेव 🙏🙏 हर हर महादेव #भक्ति

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Lõkêsh

नजर , शब्द एक अर्थ अनेक 😂 #Shayari

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नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है ।

©Lõkêsh नजर , शब्द एक अर्थ अनेक 😂

Kavi Himanshu Pandey

अर्थ, क्रांतिकारी #beingoriginal Hindi #poem #Poetry #nojotohindi

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Dr.Govind Hersal

#rajdhani_night दृश्य बारिश पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी

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White दिन लगभग आधे से ज्यादा ढल चुका था लेकिन सूर्यदेव के दर्शन नही हो पाए थे बारिश अठखेलियां करती हुई कभी धीमे हो जाती तो कभी तेज बरस पड़ती । बस स्टैंड पर रोज की तरह आवाजाही कम थी ,जैसे ही कोई बस आती कुछ 10-12 साल के बच्चे भाग कर बस में चढ़ जाते और बोलते की मूंगफली 10 की ,कचोरी 10 की 2 ,पानी की बोतल ले लो । ये बच्चे अपना बचपन कब का खो चुके थे और बरसात में इस तरह भाग कर पेट की दौड़ पूरा करते रहते । बस को आने में समय होने पर एक साथ बैठ हंसी ठिठोली करते ,सोचो कितना मन रहता होगा स्वछन्द बारिश में भीग जाने का इनका ,मन किया कि जो है सब ख़रीद कर इन्हें कह दूं कि आज की छुट्टी बारिश के मजे लो ,लेकिन लालची सेठ इन्हें शाम से पहले छोड़ने के मूड में नही था ,बड़ा सा पेट लिए उसपे हाथ फेरते हुए बोला ,छोरों बस आ गयी जाओ ।
बस में बैठ कर थोड़ा आगे चले ही थे कि रामद्वारा मोड़ पर जाम लगा हुआ दिखा ,किसी से पूछने पर कंडक्टर को पता चला कि एक ट्रक बीच सड़क पर खराब हो गया और ड्राइवर उसे वहीं खड़ा कर चाय की चुस्की में मगन हो गया । 
बस में सब परेशान से नजर आने लगे ,हर ओर से कंडक्टर पर सवालों की बौछार सी हो गई, कितना टाइम और लगेगा कब निकलेंगे यहाँ से वगैरह वगैरह ।
तभी तपाक से कंडक्टर बोल पड़ा कि मुझे कुछ नहीं पता कितना टाइम लगेगा जिसको जल्दी है जा सकता है ,कुछ लोग जिन्हें अत्यधिक जल्दी थी उतरकर चलते बने ,कुछ अभी भी खुद को तो कभी उस ट्रक वाले को कोसते रहे । हमे भागने की इतनी आदत हो गयी कि कुछ ठहराव के पल मिलने पर भी बेचैन रहते हैं ,सबको जल्दी लगी रहती है पहुँचने की ,क्यों उस वक़्त बैठ कर बारिश को महसूस कर लेते ,गीली मिट्टी की खुश्बू में खुद को कुछ वक़्त समर्पित कर देते ,भुट्टे के स्वाद में रोमांचित हो लेते ,लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था ।
था तो बस मलाल की बहुत देर हो गयी अब तक तो वहाँ पहुँच जाते ।

©Dr.Govind Hersal #rajdhani_night दृश्य  बारिश पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी

अदनासा-

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