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Stories related to घनश्याम दराडे भाषण

धाकड़ है हरियाणा

#अभिजीत जिंदाबाद सै म्हारा #घनश्याम नै किम्मे कोनी करया #खारा पानी तै बाल भी चीड़पडे होंगे

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धाकड़ है हरियाणा

#मनहेरु से हारेगा घनश्याम शर्राफ

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धाकड़ है हरियाणा

#घनश्याम सर्राफ की हार पक्की

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CHOUDHARY HARDIN KUKNA

🇮🇳 CRPF की एक लेडी कॉन्स्टेबल खुशबू चव्हाण ने पांच मिनिट के भाषण में देश के लिए क्या सुनाया आप स्वयं सुनिये..🇮🇳 #देश #देशभक्ति #Cisf

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person

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,

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गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। 

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार।

क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं

©person पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार
क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं 
अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,

Ghumnam Gautam

White नयन के गाँव नैनों का कोई पैग़ाम आया तो!
तुम्हारे सिक्त अधरों पर हमारा नाम आया तो!
कि तय है रास की रचना पुनः इस पुण्य भारत में
कलुष हरने को राधा सँग कोई घनश्याम आया तो

©Ghumnam Gautam #Thinking #घनश्याम 
#पुण्य 
#ghumnamgautam

N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब कुछ न कुछ किसी न किसी कारण से कुछ भी करते रहते हैं, तो अकारण राम कहो, या घनश्याम कहो, हम तुम सब यह

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के

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कुण्डलिया छन्द :-

राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम ।
आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।।
तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले ।
फिर यमुना के तीर , प्रेम के वह रस घोले ।।
ग्वाल-बाल का साथ , करे जिनका दुख आधा ।
वह ही है घनश्याम , चली जिनके सह राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :-

राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम ।
आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।।
तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले ।
फिर यमुना के
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