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Ramkishor Azad
सुन पागल तुम्हें मैं उस दिन इसलिए गौर से देखता रहा कि संगमरमर की शांत मूरत थी तुम, मैं प्रेम प्यासे शब्दों को सागर में ढूंढता रहा मगर तुम्हारे नैनों के सागर में खुद ही डूबता गया मैं! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #प्रेम #सागर #नैना #शायरी #rsazad #Trending #Love #मोहब्बत #viral #Life Brajraj Singh Krishna G Mohan Sardarshahari mumbai color work R
Anjali Singhal
"बड़े अच्छे लगते हैं ना, वो प्यार के तराने। जो छेड़ते तो हैं नैना, पर गुनगुनाते हैं दिल हमारे।।" #AnjaliSinghal #Shayari nojoto
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सुन पागल तुम्हें मैं उस दिन इसलिए गौर से देखता रहा कि संगमरमर की शांत मूरत थी तुम, मैं प्रेम प्यासे शब्दों को सागर में ढूंढता रहा मगर तुम्हारे नैनों के सागर में खुद ही डूबता गया मैं! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #प्रेम #सागर #नैना #शायरी #rsazad #Trending #Love #मोहब्बत #viral #Life Brajraj Singh Krishna G Mohan Sardarshahari mumbai color work R
धाकड़ है हरियाणा
Vikas Sahni
White सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना शेष शोर हैं, शेष चोर हैं और हैं सिर्फ़ सफलता के आशिक इस कायनात में कविता ही है इक, जिसे इस रूप में लिखकर गर्व होता है कि अच्छा किया जो इतिहास में किसी को प्रेम नहीं किया अलावा कविता के, अच्छा किया जो इतिहास में किसी को दिल नहीं दिया अलावा कविता के, कष्टों के काल में ऐसा सोचकर गर्व होता है, मातम-मलाल में ऐसा सोचकर गर्व होता है, कविता को वो नहीं नोच सकते, जिन्हें नोचकर गर्व होता है क्योंकि कविता को कोई देख नहीं सकता क्योंकि कविता को कोई छू नहीं सकता, जो कभी नहीं था थकता वह भी कदाचित कविता को तलाशते-तलाशते थक गया होगा। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #कठिनाइयों_के_काल_में सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना
#कठिनाइयों_के_काल_में सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना
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White #मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** **** **** **** **** यह देख दोबारा कविता करीब आई, अनुभूत करता रहा जिसकी गहराई, जिसका दिल मेरा मन लूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** **** **** **** **** अतः आज और अधिक हो गया है कठिन काम, यह देख दिल बहला रहा था अक्षरधाम कि मदहोशी का मटका फूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** ****
#मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** ****
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