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New नई ग़ज़ल हिंदी Quotes, Status, Photo, Video

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dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

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White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav ग़ज़ल

BenZil (बैंज़िल)

#ग़ज़ल शायरी हिंदी में शेरो शायरी शायरी 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी

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White तिमिर को हाथ मलता छोड़ आया हूँ 
दिया इक घर में जलता छोड़ आया हूँ 

चला आया हूं घर से तन को बस लेकर
वहीं मन को तड़पता छोड़ आया हूँ 

इसी उम्मीद में कल फिर से निकलेगा
मै सूरज आज ढलता छोड़ आया हूँ 

हमारी आँख से लूटे गए तो क्या ?
हजारों ख़्वाब पलता छोड़ आया हूँ 

सितारा मेरी क़िस्मत का भी चमकेगा
मै इक जुगनू चमकता छोड़ आया हूँ

यहाँ शबनम की बूंदे भी हैं तरसाती
वहाँ सावन बरसता छोड़ आया हूँ 

जो जाता ही नही है गांव तक मेरे 
नगर का वो मै रस्ता छोड़ आया हूँ 

कहीं पथरा न जाएं उनकी वो आँखें 
मै जिनको राह तकता छोड़ आया हूँ 

नही आया अभी तक शेर ए मक्ता है 
ग़ज़ल उसको जो पढ़ता छोड़ आया हूँ

©BenZil (बैंज़िल) #ग़ज़ल  शायरी हिंदी में शेरो शायरी शायरी 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी

Sonuzwrites

#good_night ग़ज़ल ✍️

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Dhaneshdwivediwriter

#Books चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। #BooksBestFriends #Stories कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं

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चलो, किताबों के इस सफर पर,  
हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग।













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©Dhaneshdwivediwriter #Books 
 चलो, किताबों के इस सफर पर,  
हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग।
#BooksBestFriends 
#Stories 
 कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं

Madhusudan Shrivastava

मत देना एक ग़ज़ल

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Parasram Arora

नई चाल

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White तुमने अपनी हर नई 
चाल मुझे बर्बाद 
करने के लिए  चली है 


जो दोस्त बचपन से मेरे साथ थे.
आज भी मेरे साथ है 
उन्हें मेरा दुश्मन  बनाने की 
कोशिश  तुम्हारी  कभी 
कामयाब नही होंगी

©Parasram Arora नई चाल

Shishpal Chauhan

#नई सुबह

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White रात का अंधेरा कभी तो छंटेगा,
एक नई सुबह नया सूरज उगेगा।
दुखों का बादल जरूर हटेगा,
एक दिन खुशियों के पंख लगेगा।
खुशहाल जीवन आगे बढ़ेगा,
सोया मानव जरूर जागेगा।
देख प्रकृति को सब हर्षाएँगे,
हर किसी के चेहरे  पर मुस्कान देख पाएंगे।

©Shishpal Chauhan #नई सुबह

Anita Mohan

Anand Kumar Ashodhiya

#Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश

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निर्भया - नई हरयाणवी रागणी 

वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं 
करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं 

मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया 
मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया 
मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया 
बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया 
इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं 

दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै 
लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै 
कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै 
घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै 
लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं

बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे
सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे 
हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे  
पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे  
आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं 

हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै 
औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै 
सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै 
तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै 
गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya #Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी  हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश

Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

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पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी 

तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है 
तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है 

तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए 
पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए
उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है 

तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई 
खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई 
तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है 

धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया 
पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया 
उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है 

कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा 
पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा 
कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है

गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया 
के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया 
उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya #पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण  कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता
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