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omlata
Aatma Amar h... Deh, nashean h... Karma is Dhatma... ©omlata ##Gita Sar## Krishna##❤🔥Parth##
##gita Sar## Krishna##❤🔥Parth##
read morePriyanka pilibanga
Unsplash छोटी सी जिंदगी में, मेरा भी एक अरमान था। पढ़ा लिखा मेहनत की, मैं भी एक विद्वान था। टूटे हुए दिलो को जोड़ता, इस कला में मैं महान था। आखिर में मुझे पता चला, कि घर मेरा शमशान था। और तुझे क्या बताऊं मेरे यार, यह आखिरी लाश का बयान था। ©Priyanka Poetry shayri
shayri
read moreMaxVaghela
उम्मीद ना छोड़ो यें शाम क़भी ख़ुशनुमा भी होगी, यें ज़ो डूब रहाँ हैं ईसी से कल रौशनी भी होगी... ©MaxVaghela #shayri
Avinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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read moremadhavi madhu
White अबकी तुम आओगें ये मैं जानती हूँ, तुम आओगें तो क्या मुझें सुन पाओगें, अबकी मेरा हाल तुमसे जुदा होगा, अबकी क्या तुम सच में मुझसे मिल पाओगें। माधवी मधु ©madhavi madhu #love_qoutes #shayri#gajal#shayri
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read moreUjala Singh
अकेली खुश हूँ परेशान ना कर इश्क़ है तो कर, अहसान न कर। ©Ujala Singh #shayri