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Stories related to pen down my feelings

Pavan Mogasala

Same My Feelings

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Mohan Sardarshahari

# count down (Day 100)

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White        

अब बता ही देते हैं दास्तां 
आज नहीं तो फिर कौन सुनेगा 
बंद हो गई हवेली तो रहने कौन आयेगा
आ भी गया तो बातें भूतों की बनायेगा ।

©Mohan Sardarshahari # count down (Day 100)

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feelings

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Shubham Kumar

#feelings

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When you are no where, when there is no one, 
when your hands become numb, when your             heart becomes cold, when there is nothing to hold.

        Memories start to fade,
          Switch to sophisticate,
        New is cool, 
   Knock on the door,
      Shut on face,
  Everyone's same,
    The replace, 
       Prologue and epilogue.

When your eyes still wait, swallow, choke and lump, when there's no one to cuddle in cold, when there is nothing to hold.
~Shubham Kumar

©Shubham Kumar #feelings

King

One BOTTLE Down #

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"Manraaz" Brijesh Sharma

#feelings

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AL Ibrahimi

after long time.....my pen is telling about my HAMDARD.

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मेरे यार भी कितने ज़हीन हैं.
मेरे खामोशियों से......
मेरे दर्द का अंदाज़ा लगा लेते हैं.

मुझे खिड़कियों से आते देख "इब्राहिमी"
अपना दरवाज़ा लगा लेते हैं.

शादाब अल इब्राहिमी
(ज़हीन-sensible)

©AL Ibrahimi after long time.....my pen is telling about my HAMDARD.

ruchirk gupta

feelings ##

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CREATURE GIRL

##Design by pen 🖊️🖊️

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संगीत कुमार

#pen

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(मनुज कवि बन जाता है) 
जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके
अधरों पे मुसकान रूक जाये 
आँखों से अश्क बन बह जाये
और जब कलपित उर रो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

व्यथा जब अपना न किसी से कह सके
लज्जा से मन भर जाये 
काली रातों की अंधियारी में 
जब सारा भुवन सो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके
पीड़ित हो अपनो से जब
हाथों में कलम उठा लेते हैं 
शब्दों के सरिता में रम जाते हैं 
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

जब सामने अंधेरा छा जाये
अकेला बेसहारा मन होने लगे
तब नैनो के नीर स्याही से 
निज व्यथा को लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

संघर्ष भरा जब जीवन हो
लोगों के बीच समर्पण हो
तब साहित्य में खो जाता है
अपनी भावना उकेर डालता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब भुलेबिसरे याद आये
उर में दर्द की कसक उठे
वेदना से मन काँप जाये
तब हाथो में कलम उठाता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब अपने प्रिय से न मिल सके 
यादों की व्यथा में खो जाये
साहित्य की सरिता में बह जाये
एक लेखनी लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके
मन गगन की उड़ान तो भरता है
अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है 
मन की भावना खूबसूरती से निखारता है
		तो समझो मनुज कवि बन जाता है

©संगीत कुमार #pen
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