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Sunil Kumar Maurya Bekhud
पत्नी घूम रहे थे बेलगाम हो बन गलियों में छुट्टा मन लालचाये देख सुनहरा उड़ता हुआ दुपट्टा परेशान हो रब ने बाँधा आज एक खूँटे से जिससे दूर नहीं जा सकते अपने बल बूते से उसके चारो तरफ घूमना मजबूरी है अपनी कोई कहता है घरवाली कोई कहता पत्नी बेखुद गलत राह चलने से हरदम हमें बचाती कभी नाचती खुद ऊँगली पर हमको कभी नचाती ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #पत्नी
Anup Kumar Gopal
White माँ जन्म देती है और सबसे ज्यादा ख्याल रखने वाली माँ ही होती है। इसके बाद सबसे ज्यादा ख्याल रखने वाली जीवन संगिनी पत्नी होती है। ©Anup Kumar Gopal #GoodMorning माँ के बाद पत्नी
#GoodMorning माँ के बाद पत्नी
read moreHARSHIT369
मां तेरा लाडला अकेला है यहां, पर बताना नही चाहता तु बुला ना ले घर पर, ये दिखाना नही चाहता होनहार है,काबिल बनना चाहता है अंन्धकार मे सबकि तरह धुमिल होना नहि चाहता आशिर्वाद चाहिये बस तेरा हौसला मै इकट्ठा कर लुंगा अपने आप को कुछ चुनिन्दा करोड़ो लोगो मे शामिल भी कर लुंगा..!! ©HARSHIT369 #navratri मां के लिए प्रेरणादायी कविता हिंदी
#navratri मां के लिए प्रेरणादायी कविता हिंदी
read morekavi Dinesh kumar Bharti
खुशियों से भर जाता पति का जीवन तब जब पत्नी करती पति का चाहा सब ©kavi Dinesh kumar पति-पत्नी कविता
पति-पत्नी कविता
read moreDinesh Sharma Jind Haryana
White जब पत्नी पड़ोसन से ज्यादा सुंदर लगने लगे तो समझ जाओ आप बुढ़ापे की तरफ बढ़ रहे हो ©Dinesh Sharma Jind Haryana #love_shayari पत्नी प्रेम
#love_shayari पत्नी प्रेम
read moreVijay Shankar
White अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग में प्रतियोगिताएं होती रही हैं. त्रेता में धनुष तोड़ना था, तो द्वापर में मछली की आंख पर निशाना लगाना था.. कलियुग में अब सरकारी परीक्षा पास करनी पड़ती है ।। ©Vijay Shankar अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग
अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग
read moreAkriti Tiwari
White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreANSARI ANSARI
White जवानी मे खुन पसीना बहा था परिवार के हर खुशी के लिए। जीवन भर की कमाई लुटा देता है इन्सान बुढ़ापे मे दो वक़्त रोटी के लिए। नासमझ है ओ बुढ़ापे मे ठुकरा देते है मा बाप को दौलत के लिए। ©ANSARI ANSARI दौलत के लिए।
दौलत के लिए।
read morekavi Dinesh kumar Bharti
सुख - दुःख में काम आती है पत्नी चाहे मोटी हो या पतली ©kavi Dinesh kumar पत्नी
पत्नी
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