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Ramnik
White कुछ लोग यूंही अकेले छोड़ चले जाते है, पर जाने से पहले जीने के बहाने लाख छोड़ जाते है। ©Ramnik #जीने की वजह
#जीने की वजह
read moreJanvi Meshram
एक बार हारने के बाद खुद का होसला नहीं छोडना चाहिए lक्युकी हारणे के बाद ही जीतने मे मजा आता है l ©Janvi Meshram जीने का होसला l
जीने का होसला l #विचार
read moreShashi Bhushan Mishra
जीने की तैय्यारी में, कटती उम्र उधारी में, लेन-देन कारोबारी, गिनती हो संसारी में, बँटे हुए कुनबे अपने, पाण्डे,मिश्र,तिवारी में, हाथी,घोड़ा,ऊँट नहीं, पैदल पाँव सवारी में, मजदूरी की है ताकत, उड़िया,बंग,बिहारी में, जोते बिना बुआई हो, ऊरद, मूँग,खेसारी में, है मिसाल दोस्ती की, कृष्ण सुदामा यारी में, सुने पुकार द्रौपदी की, कृष्ण समाए साड़ी में, भव बाधा काटे गुंजन, रखो आस बनवारी में, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #जीने की तैय्यारी में#
Anjali Singhal
"एहसासों का उधार है हम पर, बस वही चुकाने में लगे हैं। चुका देते कब का ये उधार...हम प्यार देकर, पर वो ब्याज की दर्द-ए-दर बढ़ाने में लगे हैं। #Shayari #ehsaas #AnjaliSinghal
read morePankaj
White कि ओ प्यार करने लगे थे हमसे तो करना पड़ा मुझे ओ दूर जाने लगे थे हमसे तो बदलना पड़ा मुझे की उल्लू ही किया करते हैं एक तरफा प्यार अंधेरे से हम ओ परिंदा है सुबह होते ही संभाल लिया करते हैं ©Pankaj प्यार करने लगे थे हमसे
प्यार करने लगे थे हमसे #शायरी
read more#Chauhan Ajay Singh
ग़ज़ल ये कहने में मुझको ज़माने लगे हैं कि तुमसे ये दिल हम लगाने लगे हैं, मुहब्बत से मुझको जो दिल से लगाओ, जमाने की नज़र #SAD
read moreDevesh Dixit
जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, देखो बढ़ने लगे हैं अब। नज़रअंदाज़ किया उनको, जिसने भी कांँटे बोए हैं। क्या कहें अब हम उनको, वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं। उन्हें उनके हाल पर छोड़, सपने बुनने लगे हैं अब। उन सपनों को अपने जोड़, देखो जीने लगे हैं अब। क्यों करनी है उनकी चिंता, उनसे क्या सरोकार है अब। नकाब के पीछे है जो चेहरा, उन पर कहाँ एतबार है अब। आशाओं को जो हटाया, देखो जीने लगे हैं अब। स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया, और संवरने लगे हैं अब। ..................................... देवेश दीक्षित स्वरचित एवं मौलिक ©Devesh Dixit #जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, द
#जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, द #Poetry
read moreDevesh Dixit
जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, देखो बढ़ने लगे हैं अब। नज़रअंदाज़ किया उनको, जिसने भी कांँटे बोए हैं। क्या कहें अब हम उनको, वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं। उन्हें उनके हाल पर छोड़, सपने बुनने लगे हैं अब। उन सपनों को अपने जोड़, देखो जीने लगे हैं अब। क्यों करनी है उनकी चिंता, उनसे क्या सरोकार है अब। नकाब के पीछे है जो चेहरा, उन पर कहाँ एतबार है अब। आशाओं को जो हटाया, देखो जीने लगे हैं अब। स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया, और संवरने लगे हैं अब। ..................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
#जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, #Poetry #sandiprohila
read moreRajesh Sharma
White जीवन में अंधेरा लगे तो नारायण पर छोड़ दो उजाला निश्चित होगा ©Rajesh Sharma जीवन में अंधेरा लगे तो
जीवन में अंधेरा लगे तो #मोटिवेशनल
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