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Santosh Suryawanshi
White एक जैसे दोस्त सारे नही होते कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते, आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ, कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’ नहीं होते. ©Santosh Suryawanshi Friendship
Friendship
read moreAjita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read moreUNCLE彡RAVAN
White वो कॉलेज की मस्ती, वो कैंटीन की चाय, यादों में गूँजते हैं हंसी के वो साए। दोस्तों संग बिताए हर वो पल, जैसे हर घूंट में बसी हो खुशियों की हलचल। कभी बहसें, कभी ठहाके, कभी दिल की बातें, वो कैंटीन की मेज़ें गवाह हैं हमारी मुलाक़ातें। वो बेफिक्र दिन, वो सुनहरी शामें, अब बस यादों के पन्नों में सिमट गईं वो कहानियाँ, दिल की गहराइयों में बसी हैं वो प्यारी रवायतें पुरानियाँ। ©UNCLE彡RAVAN #Friendship
Srinivas
In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong ©Srinivas In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong.
In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong.
read moreRjSunitkumar
White તમારા ખરાબ સમયમાં સાથ આપવા વાળા જીવનના કોઈ પણ મુકામ માં તમારો સાથ નઈ છોડે.... ©RjSunitkumar #Friendship
Prerana"Yukta"
White जमाने से थक हार के जब जब तुम्हें देखा मैने सुकून और सुख का अनुभव किया है ©prerana"yukta" #love_shayari#nikki
Ajita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
read moreकवि- जीतू जान
दोसà¥à¤¤à¥€ का à¤à¤• उसूल होता है जब दोस्ती भरोसे में बदलती है फिर पैसा क्या जान हाजिर रहती है जान जब दोस्ती में भरोसे टूटते है तो सिर्फ अरसे बाद की मुलाकाते रह जाती है ©कवि- जीतू जान #Friendship