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Shiv Narayan Saxena
🙏। सुप्रभात! 🌺 ©Shiv Narayan Saxena #सुप्रभात परवरिश बोझ जब लगने लगे hindi shayari
#सुप्रभात परवरिश बोझ जब लगने लगे hindi shayari
read moreADITYA GAURAW
White तुम्हें देख अगर कुछ लोग जलने लगे, तो समझना तुम सूर्य की तरह चमकने लगे हो। ©ADITYA GAURAW तुम्हे देख जब लोग जलने लगे #Motivation
तुम्हे देख जब लोग जलने लगे #Motivation
read moregudiya
White हिमालय किधर है? मैने उस बच्चे से पूछा जो स्कूल के बाहर पतंग उड़ा रहा था उधर- उधर उसने कहा जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी मैं स्वीकार करूं मैने पहली बार जाना हिमालय किधर है ! -केदारनाथ सिंह ©gudiya #nojotophoto उधर- उधर उसने कहा जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी मैं स्वीकार करूं मैने पहली बार जाना हिमालय किधर है !
nojotophoto उधर- उधर उसने कहा जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी मैं स्वीकार करूं मैने पहली बार जाना हिमालय किधर है !
read moreShiv Narayan Saxena
White घर - घर में होने लगे, नारी का सम्मान। जग अपना लगने लगे, सभी सुखों की खान।। नवरातों के बाद जो, मान करै ना कोय। अपने हाथ विनाश को, निकट बुलावै सोय।। 'शौक' शौक में देखिये, सुमिरन ना छुट जाय। हरि साथै जो खेलिये, जन्म-मरण छुट जाय।। कण-कण उनका वास है, सब सांसों में वोहि। छण-छण उनका नाम ले, मनगति थिर तब होहि।। घर - घर में होने लगे , जगराते हरि बोल। हृदपट भी खुलनें लगें , जै मां जै मां बोल।। ©Shiv Narayan Saxena #good_night घर-घर में होने लगे.....
#good_night घर-घर में होने लगे.....
read moreVk srivastav
इधर देखता हूं उधर देखता हूं जहां तक है जाती नज़र देखता हूं मैं दुनिया से हो बेखबर देखता हूं तेरी राह शामो सहर देखता हूं के होती हमारी ग़दर देखता हूं मैं एक दूसरे की कदर देखता हूं जो ढाती हो तुम वो कहर देखता हूं यही ख़्वाब आठों पहर देखता हूं तेरे संग ख़ुशी की लहर देखता हूं तेरा मुझपे ऐसा असर देखता हूं इधर देखता हूं उधर देखता हूं ©Vk srivastav इधर देखता हूं उधर देखता हूं #शायरी #SAD #Trending #viral #Shorts #Reels #लव #vksrivastav
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी हार जाये अगर जिंदगी अभावो में हौसले परस्त होने लगे जंग मन के अंदर सतत निराशा की चलने लगे खिलने से पहले ही सृजन के फूल मुरझाने लगे सत्तायें सिर्फ सताने का प्रक्रम करने लगे मोहरा रोटियाँ भी राजनीतिक बनने लगे शिक्षा रोजगार स्वास्थ्य व्यवसाय बनने लगे मनमानी सियासतें मानवता को ताक पर रखने लगे मिटाने पर आमदा होकर,चक्रव्युह रचने लगे पँख उड़ानों के काटकर,जनमानस के पाप चंदे से धंधा करने लगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #intezaar पाप चंदे से धंधा करने लगे #nojotohindi
#intezaar पाप चंदे से धंधा करने लगे #nojotohindi
read morePankaj
White कि ओ प्यार करने लगे थे हमसे तो करना पड़ा मुझे ओ दूर जाने लगे थे हमसे तो बदलना पड़ा मुझे की उल्लू ही किया करते हैं एक तरफा प्यार अंधेरे से हम ओ परिंदा है सुबह होते ही संभाल लिया करते हैं ©Pankaj प्यार करने लगे थे हमसे
प्यार करने लगे थे हमसे
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