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हिमांशु Kulshreshtha
जी करता है कुछ अल्फ़ाज़ लिख दूँ तुम पर सारी अदाओं को तेरी एक ही अशआर में रच दूँ तुम पर ये तेरी आंखों की मस्ती शोखी तेरे यौवन की चंद लफ्जों में बयां कर दूँ तेरे रूप की चमक बयान करें ऐसा कुछ लिख दूँ तुम पर ©हिमांशु Kulshreshtha लिख दूँ....
लिख दूँ....
read moreneelu
White जब हम बैठ कर तारे जिन सकते हैं जब हम कुछ भी पढ़ सकते हैं तो क्या हम कुछ भी लिख नहीं सकते ©neelu #love_shayari पढ़ #सकते हैं तो #क्या हम #कुछ भी #लिख #नहीं #सकते
Mahesh Patel
White सहेली..... उन आंखों में तस्वीर थी हमारी.. उन तस्वीर में तकदीर थीं तुम्हारी.. लाला...... ©Mahesh Patel सहेली... तकदीर... लाला...
सहेली... तकदीर... लाला...
read moreगोरक्ष अशोक उंबरकर
White माणूस मेल्यावर शरीराचं दर्शन घेऊन अंघोळ करतो.. निष्पाप जीवाला खाताना अंगा मांसांचं रक्त पितो.. प्रत्येक दगड मंदिरात जाऊन देव बनून जातो.. माणूस मंदिरात जाऊन सुध्धा दगड बनून राहतो.. ज्या मासिक पाळीमुळे जन्म माणसाचा होतो.. तिलाच आयुष्यभर समाज विटाळ म्हणत राहतो.. माझं माझं म्हणत सगळं भ्रमात जगत राहतो.. सगळं काही इथेच सोडून एकटाच सोडून जातो.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर वाह रे माणसा..
वाह रे माणसा..
read moreANJANA MALI
White क्यों तकदीर इस कदर बार-बार रुलाती है। नींदे हमारी और उड़ जाती है। एक को भुलाने की कोशिश करते हैं । जिंदगी यह दूसरा गम देकर क्यों चली जाती है। ........ अंजना माली ©ANJANA MALI #Sad_Status 'दर्द भरी शायरी' तकदीर अपनी
#Sad_Status 'दर्द भरी शायरी' तकदीर अपनी
read moreमिहिर
White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर लिख देता हूं
लिख देता हूं
read moreHeer
कोई किसी में रह गया तो कोई किसी में बह गया, सब तकदीर का खेल था......., कोई किसी को मिल गया तो कोई किसी को बिन मांगे मिल गया, तो कोई दुआओं में मांगता रह गया...!! ©Heer सब तकदीर का खेल था...!!
सब तकदीर का खेल था...!!
read morekavitri vibha prabhuraj singh
Shalini Nigam
~हम हैसियत देख कर रिश्ते नहीं बनाते! ~मैंने जमीं पर बैठ कर अपनी तक़दीर लिखी हैं!! ©Shalini Nigam #तकदीर #जमीं #yqdidi #yqbaba #Nojoto #Love #Life #writer