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बेजुबान शायर shivkumar

Kshitija Sana naaz puja udeshi angel rai poonam atrey हिंदी कविता कविता कोश कविता कविताएं हिंदी कविता *"#आत्मविश्वास का दिया...."*

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*" आत्मविश्वास का दिया.... "*

पत्थर की तरह अडिग रहना,
फूलो की तरह कोमल रहना।
जिन्दगी को जीना है हर दिशा में,
बाधाओं से लड़ने का जज़्बा रखना।

मुश्किलों के दौर आते रहेंगे,
विपदाओ से घिरते हुए रहेंगे।
कठिन पलो में भी ए इन्सान,
मुस्कुराहट का दामन पकड़े रखना।

कोई किसी के काम आए
कोई किसी को अपना जाए,
दिन हो या हो रात हृदय में,
ऐसे सपने सदा सजाए रखना।।

बुरे से बुरा मिल जाए जब,
परेशान हैरान कर जाए तब।
अपने आत्मविश्वास के दिए से,
ज्योत हर जिगर में जलाए रखना।

ये जीवन-दर्शन एक अविराम है,
बदलता हर पल एक नकाब है।
वक्त के हाथो कठपुतली है सभी,
जैसा नचाए तुम नाचते रहना।।

©बेजुबान शायर shivkumar  Kshitija  Sana naaz  puja udeshi  angel rai  poonam atrey  हिंदी कविता कविता कोश कविता कविताएं हिंदी कविता


*"#आत्मविश्वास का दिया...."*

aditi the writer

#कठपुतली Niaz (Harf) आगाज़ vineetapanchal Raj Sabri Kundan Dubey

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White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer
  #कठपुतली  Niaz (Harf)  आगाज़  vineetapanchal  Raj Sabri  Kundan Dubey

aditi the writer

#कठपुतली Niaz (Harf) आगाज़ vineetapanchal Raj Sabri Kundan Dubey

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White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer
  #कठपुतली  Niaz (Harf)  आगाज़  vineetapanchal  Raj Sabri  Kundan Dubey
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