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Parasram Arora
White तपे हुए रेगिस्तान मे आज अचानक मौसम क्यों बदल गया है लगता है ये रेगिस्तान कही सरकता हुआ किसी गुलशन के नज़दीज न पहुंच गया हो आज ये गतिशील समय निरंतर चहल कदमी करते करते ठहर क्यों गया है लगता है " समय "घड़ी के रुके हुए काटो को देख सकते मे न आ गया हो ©Parasram Arora ठहरे हुए घड़ी के कांटे
ठहरे हुए घड़ी के कांटे
read moreरघुराम
White जाने कितना कष्ट उठा हम जिए। रहलत को थोङी दूर बैठा हम जिए।। टूटी बार बार उम्मीद की लङी। हर बार सॉत्वना का देदे गॉठा हम जिए।। बार बार नासाज किया जिन्दगी ने मुझे। हर बिघ्न को दिल से उठा हम जिए।। ऐसे ही कयी दौर बीतते रहे जिन्दगी के। वक्ती तुफॉ समझ मीठा हम जिए।। क्या हुआ कि क्या करे समझ ना आया कुछा ईश्वर को हर दिन प्रार्थना पठा हम जिए।। ©रघुराम #good_night गजल
#good_night गजल
read moreAnuj Ray
White तुम कहो तो तुम्हारे दिल की धड़कनों में, छेड़ कर राग मल्हार सुरों की रागनी भर दूं। नस नस में दौड़ जाए तरंग बिजली सी, छुईमुई सी श्वेत काया कामिनी कंचन कर दूं। ©Anuj Ray # तुम कहो तो"
# तुम कहो तो"
read moreF M POETRY
White हो कहाँ आप ये बताओ तो.. तुम नहीं आये तो हम आ जाते.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तुम नहीं आये तो हम आ जाते...
#तुम नहीं आये तो हम आ जाते...
read moreSatish Deshmukh
White वाटले होते मला की वाटिका आहे जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे ©Satish Deshmukh गजल
गजल
read moreM.K Meet
White सच्चाई, चंचलता, चपलता, मासुमियत प्यार और बकबक... अगर सबको मिलाकर एक कर दिया जाएं तो,वह तुम थें !! जो मेरे दिल के करीब थे !! . ©M.K Meet #Sad_Status तो वह तुम थे......
#Sad_Status तो वह तुम थे......
read moreMadhusudan Shrivastava
White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava #गजल मुस्कुरा के रूप
#गजल मुस्कुरा के रूप
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