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Shiv Narayan Saxena
White आये दिन बदलाव के, मिलकर बदलें देश छिप कर फिरते भेड़िये, धर नेता का वेश फ़्री बिजली पानी फ़्री, देश को रहे लुटाय गांठ नहीं ख़र्चा करैं, जनता का धन खायें वोटर तब भगवान है, जब चुनाव आ जाये दुहैं रात-दिन भोली गाय, लात नहीं उठाये राष्ट्रहित सर्वोपरि जब यह समझ आ जाये तब ऐसे मतदान करो, राष्ट्र न गच्चा खाये शिव नारायण सक्सेना 'शौक' ©Shiv Narayan Saxena #election_2024 तब ऐसे मतदान करो.....
#election_2024 तब ऐसे मतदान करो.....
read moreAnuj Ray
White शिकवे के ढंग ऐसे हैं" मेरे हुजूर , गुले गुलज़ार मेरी जान ए तमन्ना , आपका ही बोल वाला है रूबरू देख के इस तरह ,नज़र अंदाज़ करने का ढंग बड़ा निराला है। इरादा ठीक नहीं लगता,ज़रूर कहीं न कहीं कुछ तो दाल में काला है। अगर हुजूर के शिकवे ऐसे हैं, तो शिकायत का अंदाज़ जान लेबा होगा। ©Anuj Ray # शिकवे के ढंग ऐसे हैं"
# शिकवे के ढंग ऐसे हैं"
read moreAnkur
White मोहब्बत बरसा देना तू; सावन आया है! हालांकि सावन अब चला गया है, पर मोहब्बत बरकरार रहनी चाहिए। सजने को सजनी बेकरार रहनी चाहिए, दिलाें में प्रेम की फुहार रहनी चाहिए। वर्षा की बूंदों की बौछार रहनी चाहिए, कजरी लोकगीतों की मल्हार रहनी चाहिए। अम्बवा की डाली गुलज़ार रहनी चाहिए, तीज और त्योहार की बहार रहनी चाहिए। शिवालयों में भक्तों की कतार रहनी चाहिए, खुशियां जीवन का आधार रहनी चाहिए.. ©Ankur हालांकि सावन अब चला गया है पर मोहब्बत बरकरार रहनी चाहिए! #GoodNight #SaawanAaya #mohabbat #positive #poem Hinduism
हालांकि सावन अब चला गया है पर मोहब्बत बरकरार रहनी चाहिए! #GoodNight #SaawanAaya #mohabbat #positive #poem Hinduism
read moreअखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन' #रक्षाबंधन #सावन #शिवजी
arvind bhanwra ambala. India
कंहा गया वो सावन। पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला अकेले ही झूला, झूला हमने न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। आज डर है, मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, क्या झूलूं, कंहा झूलू अब, कौन से सावन मे, अब, हर नज़र ललचाई, हर मन, हवस समाई, मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है हवस मिटाने का मकान मानता है ©arvind bhanwra ambala. India कंहा गया वो सावन
कंहा गया वो सावन
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