Find the Latest Status about कभी दिल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कभी दिल.
Sandeep Kothar
White किसी ने पूछा मुझसे, अब कुछ लिखते क्यों नहीं... जवाब दिया, अब लोग जज़्बात को अहमियत देते नहीं। कभी-कभी दिल के जज़्बात दिल में रखना ही ठीक है, क्योंकि अब लोग मरहम साथ रखते नहीं। ©Sandeep Kothar किसी ने पूछा मुझसे, अब कुछ लिखते क्यों नहीं... जवाब दिया, अब लोग जज़्बात को अहमियत देते नहीं। कभी-कभी दिल के जज़्बात दिल में रखना ही ठीक है,
किसी ने पूछा मुझसे, अब कुछ लिखते क्यों नहीं... जवाब दिया, अब लोग जज़्बात को अहमियत देते नहीं। कभी-कभी दिल के जज़्बात दिल में रखना ही ठीक है,
read moreKiran Chaudhary
तेरे प्यार का ये सफर, हर पल है जैसे ख़ुशियों का असर। तू साथ है तो कोई ग़म नहीं, तेरे बिना ये दिल कभी भरता नहीं। ©Kiran Chaudhary तेरे बिना ये दिल कभी भरता नहीं।
तेरे बिना ये दिल कभी भरता नहीं।
read moreAnjali Singhal
"हवा में उड़ती हुई यादों की खुशबू महसूस की है तुमने! कभी दिल में यादों के चुभते शूल भी महसूस करना!!" #AnjaliSinghal #Shayari #sadShayari s
read moreJayesh gulati
White A appreciation post for my best friend (read in caption) ©Jayesh gulati कुछ यादें है जो कभी दिल से निकाल नहीं सकता मना खामोश रहते है अब हम दोनों मगर तेरा भाई तुझे भुला नहीं सकता आधी रात को भी तू करदे कॉल तेरा भाई
कुछ यादें है जो कभी दिल से निकाल नहीं सकता मना खामोश रहते है अब हम दोनों मगर तेरा भाई तुझे भुला नहीं सकता आधी रात को भी तू करदे कॉल तेरा भाई
read moreNiaz (Harf)
गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं मगर, टूटे आईनों में सूझते हैं। रोटी के टुकड़ों में बंटा है सारा वजूद, हर ख्वाहिश पर लगता है जैसे कोई सूद। आंखों में आंसू, दिल में हसरतें दबती हैं, हर सुबह उम्मीदें फिर से मरती हैं। नहीं हैं किताबें, ना खेलों की बात, बस मेहनत में बीतता है बचपन का हर रात। वो टूटी हुई झोपड़ी, वो सूना सा चूल्हा, दौलत के आगे सब कुछ यहाँ बेमानी सा लगता है। कभी उम्मीदें होती हैं, कभी दिल तंग होता है, गरीबी में हर इंसान का सपना अधूरा सा रहता है। इस अंधेरी रात में बस एक ख्वाब है रोशनी का, शायद कभी खत्म हो ये दर्द गरीबी का। ©Niaz (Harf) गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं म
गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं म
read more