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Stories related to system 1 and system 2 thinking examples

Sakshi Shankhdhar

#Thinking

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White शहर में थे लाखों मगर,
हम बस उन्ही पर मर गए,
हमने छोड़ दी दुनिया उनके लिए,
और वो जनाब किसी और के हो गए।

वादा था राह ए मोहब्बत पर चलने का,
हमको बीच सफ़र में छोड़,
जनाब हमसफर किसी और के हो गए।

हमारे तो ख्वाबों में वो बसते है,
जब खोली आंखे एक सुबह,
जनाब हकीकत में किसी और के हो गए।

अजनबी सा रिश्ता था, मिले भी थे अजनबी राहों में,
मोहब्बत का सिलसिला चोरी से शुरू हुआ,
जनाब सरेआम किसी और के हो गए।

उनकी यादों में इतना जले रात दिन,
जैसे जलता है परवाना शमा के लिए,
जनाब यूं होके बेखबर किसी और के हो गए।

©Sakshi Shankhdhar #Thinking

Chandan kumar

system

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Siya Singh

thinking

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White jo likha hai kismat me wahi hona hai to phir rona kaisa jo hai hai hi nhi apna to use khona kaisa...

©Siya Singh thinking

Shivu ki Poetry

1+2 Adhura and Awaad #sad_shayari

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Lotus banana (Arvind kela)

#Thinking

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White Forget who hurt you yesterday, but don't forget those who love you everyday.  
Forget the past
that makes you cry and focus on the present that makes you smile.
Forget the pain but never the lessons.

 ❤️ Good day ❤️

*मुसीबत* और *ख़ुशी* बिना किसी *अपॉइंटमेंट* के आ *जाती* हैं..!

इसलिए...

*अपने आप* को इतना *तैयार रखें* की *मुसीबत* के *समय होश* और *ख़ुशी* के *समय जोश कायम* रहे..!!

 🌹🌹🌹🌹

©Lotus banana (Arvind kela) #Thinking

Pallavi

class 1 chapter 2 part 1

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Pallavi

class 1 chapter 1 part 2 Maths

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kalam_shabd_ki

#Thinking

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White मैं उस सीढ़ी से फिसला,
जिसके बाद छत आने वाली थी,  
बस एक कदम था बाकी,  
पर किस्मत ने फिर से चाल चली थी।  

रिश्तों की उस मोड़ से लौटा,  
जहां रास्ते कई खुलते थे,  
पर उलझनों में खो गया मैं,  
जहां दिल के फैसले बिखरते थे।  

छत की तलाश में चला था,  
पर शायद रास्ते ही बदल गए,  
जिन्हें मैं अपना मान रहा था,  
वो पल कहीं दूर निकल गए।  

अब न छत की ख्वाहिश बाकी,  
न रिश्तों का वो सवाल,  
मैं अपनी राह पर हूँ चल पड़ा,  
नया सफर, नई मिसाल।

- मेरी कलम

©kalam_shabd_ki #Thinking

Dharamveer Kumar

#Thinking शायरी लव रोमांटिक 2 line

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Dharamveer Kumar

#Thinking शायरी लव रोमांटिक 2 line

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