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Abasaheb Patil
9172683363 ©Abasaheb Patil *🌾☘️प्रधानमंत्री पीक विमा योजना रब्बी हंगाम 2024-25* 🌱🌿☘️🍀🎋🍃🍂🌾 *सर्व शेतकऱ्यांना कळविण्यात अत्यंत आनंद होतो की दरवर्षीप्रमाणे याही वर्षी प्र
*🌾☘️प्रधानमंत्री पीक विमा योजना रब्बी हंगाम 2024-25* 🌱🌿☘️🍀🎋🍃🍂🌾 *सर्व शेतकऱ्यांना कळविण्यात अत्यंत आनंद होतो की दरवर्षीप्रमाणे याही वर्षी प्र
read moreनवनीत ठाकुर
White तुझे तैरना होगा, यहां नहीं है कोई नाव, ये दरिया गहरा है, किनारा भी मिलेगा, डर को छोड़, खुद पर कर विश्वास। हर कदम पर है अब तेरा, एक नया अहसास। चढ़ जा उस चोटी पर, जीत का झंडा बुलंद कर, अपनी राह में कर सफर,तोड़ दे आसपास की दीवार । फूलों की महक में तुने जीना सीखा, नोकीले पत्थरों की चुभन को भी अब स्वीकार। हर दर्द में छिपा है एक नया सिसक, इस सफर में तू अकेला निकल, अपनी हिम्मत को पहचान। ©Navneet Thakur #तुझे तैरना होगा, यहां नहीं कोई नाव, ये दरिया गहरा है, किनारा भी मिलेगा, डर को छोड़, खुद पर कर विश्वास। हर कदम पर है अब तेरा, एक नया अहसास।
#तुझे तैरना होगा, यहां नहीं कोई नाव, ये दरिया गहरा है, किनारा भी मिलेगा, डर को छोड़, खुद पर कर विश्वास। हर कदम पर है अब तेरा, एक नया अहसास।
read moreIG @kavi_neetesh
White चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब पर है। जीवन तो चल रही है यु ही आजकल लोग हों रहें हैं चांद, तारों से दूर जिंदगी जीए जा रहें हैं जैसे कोई हिसाब पर है। शरद की पुर्णिमा तो बरस रही है। कृष्ण से मिलने को राधा तरस रही है। अब न जाने रास क्यों नहीं हो रहा है। दुःख से तड़प रहा इंसान,मानव भगवान से दूर कहीं खो रहा है। इसलिए इंसान रो रहा है। शरद पूर्णिमा की चांद की खुबसूरती जैसे प्रिया मिलन को सजी है। गहरे आकाश के माथे पर बसी कोई दुल्हन की बिंदी है। मंद मंद हवा बह रही है रात शीतल है। पेड़ पौधों के पत्ते डोल रहें हैं। तारों की बारात लेकर शरद की पुर्णिमा की चंद्रमा सुंदर सजी है। शरद पूर्णिमा में मैं बेगाना कवि प्रियसी की याद में रो रहा हूं। कब वो देंगी दर्शन मुझे बस यही चांद को देख सोच रहा हूं। वादियों में आज अजीब सा नशा है। क्यों की इस चांदनी रात में उसकी याद दिल में बसा है। जनम जनम से उसकी ही तलाश है। इस शरद पूर्णिमा में उस प्रभु से मिलन की आस है। ©IG @kavi_neetesh #sunset_time Hinduism प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविताकविता। शरद पूर्णिमा। चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब प
#sunset_time Hinduism प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविताकविता। शरद पूर्णिमा। चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब प
read moreRakesh frnds4ever
White कहना सुनना आखिर कब तक!!!!??!!! रोना धोना आखिर कब तक !!??!!!! जीवन के सफ़र में कोई साथी न संगी न चेला कोई हर पल हर दम हर बार, एक अकेला मैं,,, आखिर कब तक !!???!!! रिश्ते नाते अपने पराए किसी भी हम रास ना आए हमने तो सब अपने बनाए,,,, पर,, अपनों में ही केवल ,,,मैं ही,,,, बेगाना आखिर कब तक !!??!!! कहना सुनना आखिर कब तक !!!??!!?? सहना सहना आखिर कब तक !!???!!?? ©Rakesh frnds4ever #कहना_सुनना #आखिर_कब_तक , #रोना_धोना आखिर कब तक #जीवन के सफ़र में कोई साथी_न_संगी न चेला कोई हर पल हर दम #हर_बार , एक अकेला मैं आखिर कब
#कहना_सुनना #आखिर_कब_तक , #रोना_धोना आखिर कब तक #जीवन के सफ़र में कोई साथी_न_संगी न चेला कोई हर पल हर दम #हर_बार , एक अकेला मैं आखिर कब
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar #मौसम Sethi Ji Bhanu Priya Kshitija Sana naaz puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा
#मौसम Sethi Ji Bhanu Priya Kshitija Sana naaz puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा
read morePhalak Rakesh
कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं खाती ©Phalak Rakesh नहीं है ये कि कभी लाज बर नहीं आती मगर हा वो फिर भी अपने घर नहीं जाती कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं
नहीं है ये कि कभी लाज बर नहीं आती मगर हा वो फिर भी अपने घर नहीं जाती कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं
read moreBIKASH SINGH
चंद सांसों की गिरफ्त में कैद रूह रिहाई की दुआएं मांगे। अब क्या करें जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही मुझे रास ना आए जो किया था वादा तुझसे बिछड़ के खुश रहने का अब चाहता हूं , इन सब बातों से मुकर जाएं आखिर कब तक यूं झूठी मुस्कुराहट दिखा कर सबको अपना हाल बेहतर बताएं और अंदर ही अंदर सिमट कर,बिखर कर यूं बेवजह जीते जाएं मेरी अधूरी ख्वाहिशों में शामिल एक ख्वाहिश यह भी रहा कि चलो अब मर जाए कल मेरे हालातो पर तू तरस खाए इससे तो यही बेहतर है कि तू अगर भूल चुका है मुझे तो फिर तुझे हम भी कभी नजर ना आए ©BIKASH SINGH चंद सांसों की गिरफ्त में कैद रूह रिहाई की दुआएं मांगे। अब क्या करें जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही मुझे रास ना आए जो किया था वादा तुझसे बिछ
चंद सांसों की गिरफ्त में कैद रूह रिहाई की दुआएं मांगे। अब क्या करें जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही मुझे रास ना आए जो किया था वादा तुझसे बिछ
read moreNiaz (Harf)
White यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-ए-ग़ैर में बसे हम, मगर दिल वहीं की गली है। याद आती हैं वो गलियाँ, जहाँ बचपन बीता था, दोस्तों की महफिलें, जहाँ हर ग़म भुलाया था। अम्मी की लोरियों में, सुकून-ए-दिल की बातें थीं, अब तो बस ख़्वाबों में, वो सारी राहतें हैं। वो मस्जिद की अज़ान, वो मंदिर की आरती, हर सुबह की ताज़गी, अब बस यादों की बात है। परदेस की चमक में, दिल की वीरानियाँ हैं, रोज़ी की तलाश में, बस यादों की परछाइयाँ हैं। वतन की मिट्टी की खुशबू, रूह में घुल जाती है, पर इस सफ़र की मंज़िल, बस एक बेचैनी लाती है। कब लौटूंगा उस ज़मीन पर, जहाँ दिल बसता था, मुल्क-ए-ग़ैर की दौलत, मुझे क्या रास आएगी? ©Niaz (Harf) #Sad_Status #Niaz R. Ojha Sircastic Saurabh Sethi Ji Sana Ekram Adhuri Hayat Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-
#Sad_Status #Niaz R. Ojha Sircastic Saurabh Sethi Ji Sana Ekram Adhuri Hayat Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-
read moreRimpi chaube
White बड़ा हसीं है सनम तेरा संग। रास आ गया मुझे तेरा ढंग। अबतक था खालीपन जीवन में। भर गए तेरे संग जीवन के रंग।। ©Rimpi chaube #तेरेसंगजीवनकेरंग🌈 बड़ा हसीं है सनम तेरा संग। रास आ गया मुझे तेरा ढंग। अबतक था खालीपन जीवन में। भर गए तेरे संग जीवन के रंग।। a love quotes q
तेरेसंगजीवनकेरंग🌈 बड़ा हसीं है सनम तेरा संग। रास आ गया मुझे तेरा ढंग। अबतक था खालीपन जीवन में। भर गए तेरे संग जीवन के रंग।। a love quotes q
read moreDevesh Dixit
समझौता (दोहे) समझौते से जिंदगी, होती नहीं विरान। मिलजुल कर तुम भी रहो, क्यों बनते नादान।। समझौता वह कर्म है, बढ़े नहीं खट्टास। जीवन भी सुखमय बने, आती है ये रास।। समझौते से विमुख हो, जो रहता इंसान। मुश्किल भी बढ़ती तभी, जीवन भी शमशान।। समझौता वरदान है, सभी कहें विद्वान। अपनों से कैसी गिला, मत बनना अनजान।। समझौता जो तुम करो, बने नेक पहचान। जहाँ नहीं ये हो वहाँ, होता है व्यवधान।। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #MM Mumtaz puja udeshi Lamha sherni Royal Love Story 2 #समझौता #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry #sandiprohila समझौता (दोहे)
#mm Mumtaz puja udeshi Lamha sherni Royal Love Story 2 #समझौता #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry #sandiprohila समझौता (दोहे)
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